Tue. Jun 3rd, 2025

गौवंश नीलाम करें पर निगम खुद-गोठान बनाकर रखें

खरीदने वाले परिजन को दूध का मुफ्त उत्पाद दें।

रायपुर। चौक-चौराहों, सड़कों गलियों पर घूमते-फिरते पकड़े गए पालतू एवं आवारा पशुओं (गौवंश) को नगर निगम अब नीलाम करने जा रहा है। यहां एक कदम शेष रह गया है- जिसे पूरा करके विवाद टाला जा सकता है।

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गौरतलब है कि एक जनहित याचिका बाद, उच्च न्यायालय, बिलासपुर से आए न्यायाधीशों की टीम ने राजधानी का जायजा आवारा पशुओं के संदर्भ में लिया था। जिससे जिला प्रशासन एवं नगर निगम में हड़कंप मच गया था। तब आनन-फानन में धरपकड़ शुरू हुई थी। याचिका लगने, स्वाभाविक है न्यायाधीशों की टीम आने के पखवाड़े भर पूर्व ई. ग्लोबल न्यूज इन ततसंदर्भ में अपनी सर्वे रिपोर्ट प्रकाशित की थी।

ई. ग्लोबल न्यूज इन रिपोर्ट आधार पर सुझाया था- आवारा हो या यूं ही छोड़े गए पालतू पशुधन (गौवंश) उन्हें पकड़ कर, शहर के चारों ओर खाली पड़ी सरकारी जमीनों पर गोठान बनाकर रखा जाए। दूसरा इन्हें नीलाम किया जाए। नीलामी करके पशुधन हेंड ओवर न करें। बल्कि उन्हें गोठानों में रखे पालन- पोषण करें। परंतु जिन्होंने नीलामी में खरीदा हो वे पशुधन व्यक्ति विशेष या परिवार विशेष के नाम गोठान में रहेंगे। नीलामी से प्राप्त पैसे से रख रखाव होगा। प्रतिमाह 500 या 100 रुपए व्यक्ति, परिवार चारा हेतु देगा। पशुधन प्राप्त दूध, दही, घी, पनीर खोवा आदि पर मालिक यानी नीलम में खरीदने वाले को दिया जाए। उन्हें बाकायदा मोबाइल से मैसेज या खबर दी जाए। ई. ग्लोबल न्यूज ने लिखा था कि- नीलामी में खरीदी करने वाले के घर भी जगह नहीं होगी। चारागाह नहीं होगा। लिहाजा उक्त व्यवस्था अपनाई जाए।

परंतु लगता है कि नगर निगम नीलामी निविदा जारी करते समय चूक कर बैठा। उसने दूसरे कदम नीलामी बाद गोठान में रखने पर विचार नहीं किया। केवल नीलाम कर देने से गौवांशों की हिफाजत एवं चारा की समस्या खड़ी होगी। संभव है औने-पौने भाव में तस्कर या कसाई खरीद कर बेजा लाभ उठाए।

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