भद्रा का साया-बुध को नहीं भाया ज्यादातर ने गुरुवार को रक्षा पर्व मनाया

रायपुर। रक्षाबंधन पर्व पर 30 अगस्त को भद्रा का साया लगा रहा- लोगों को पर्व मनाने बुधवार रात 9 बजे तक या दूसरे दिन आज गुरुवार सुबह तक इंतजार करना पड़ा। तो वही बुध दोपहर- अपरान्ह बाद एवं शाम को हुई तेज बारिश ने राखी, मिठाई, शृंगार सामग्री, फल बेचने स्टाल लगाए फुटकर व्यवसायियों का धंधा ऐन टाइम में 15-20 फीसदी चौपट कर दिया।

Rakshabandhan the festival of brother and sister celebrated with gaiety - हर्षोल्लास के साथ मनाया गया भाई-बहन का पर्व रक्षाबंधन

इस बार राजधानी समेत समूचे प्रदेश में बुध-गुरुवार यानी 30-31 को रक्षाबंधन पर निर्धारित समयावधि में मनाना पड़ा। जिससे भाई-बहनों के अटूट प्रेम का यह त्यौहार उतना उल्लसित नजर नहीं आया। सावन पूर्णिमा तिथि पर मनाया जाने वाला रक्षाबंधन पर्व भद्रा लगने से बुध को बुरी तरह प्रभावित हुआ। सारा दिन बहनों का इंतजार करना पड़ा। रात 9 बजे मुहूर्त था- सो कुछ लोगों ने ही मनाया। गुरुवार सुबह 7बजकर 2 मिनट पर दूसरा मुहूर्त था। जिस पर अलसुबह उठकर भाई-बहनों को तैयार होना पड़ा। फिर राखी बंधाई गई। हालांकि भगवान को चढ़ाई गई राखी गुरुवार दिन भर बांधी जा सकती हैं। जैसा ज्योतिषों पंडितों का कहना था।

इधर बुध को दोपहर से शाम के बीच तीन बार तेज बारिश ने स्टाल लगाकर राखी, मिठाई, शृंगार सामग्री, फल बेचने वालों का धंधा तब प्रभावित किया जब ऐन ग्राहकी का वक्त था। 15-20 फीसदी धंधा प्रभावित हो गया। यत्र-तत्र पानी भर जाने, माल भीगने एवं बारिश का फिर अंदेशा रहने के चलते देर शाम तक स्थिति यह थी कि 50-60 प्रतिशत फुटकर व्यापारियों समेत 80 फीसदी दीगर व्यापारियों ने दुकानें बढ़ा ली थी। सदर बाजार, मालवीय रोड जैसे इलाके की दुकानें शाम 7 बजे ही बंद हो गई थी।

बहरहाल अवकाश बुध को था पर रक्षाबंधन पर्व की खुमारी दिखी। ज्यादातर लोगों ने गुरुवार को दिनभर पर्व मनाया। बारिश नहीं हुई। धूप खिली पर उमस बहुत हो गई थी। सरकारी- गैर सरकारी संस्थाओं, प्रतिष्ठानों में आधे-अधूरे कर्मियों, अधिकारियों की उपस्थिति देखी गई। बसों ऑटो में भीड़ रही।

 

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