पहलगाम आतंकी हमले के समय आतंकियों के संपर्क में थे 10 से ज्यादा मददगार

आतंकियों के मददगार एनक्रिप्टेड ऐप के जरिए उनसे बात कर रहे थे। इन्हीं की मदद से आतंकी 26 लोगों की हत्या करने के बाद भागने में सफल रहे। अब पुलिस सभी की तलाश कर रही है।
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। 26 बेगुनाह लोगों को मौत के घाट उतारने वाले चार आतंकी 10 से ज्यादा मददगारों के संपर्क में थे। आतंकियों की मदद 10 से ज्यादा ओजीडब्ल्यू (ओवर ग्राउंड वर्कर) कर रहे थे। ये सभी ओजीडब्ल्यू आतंकियों से चैट कर रहे थे। आतंकियों और ओजीडब्ल्यू के बीच बातचीत एनक्रिप्टेड ऐप के जरिए हो रही थी। सूत्रों के अनुसार पहलगाम हमले के आतंकी कम्युनिकेशन के लिए उच्च चीनी तकनीक का इस्तेमाल कर रहे थे। हैंडलर से संवाद के लिए चीनी सेटेलाइट फोन और ऐप का इस्तेमाल किया था।
पहलगाम हमले में आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाया था और 26 लोगों की हत्या कर दी थी। आतंकियों ने इस हमले में सिर्फ पुरुषों को निशाना बनाया था। महिलाओं और बच्चों को छोड़ दिया था। पीड़ितों को गोली मारने से पहले आतंकियों ने उनसे धर्म पूछा था। उनसे कलमा पढ़वाया था और कई लोगों की पैंट उतरवाकर जांच की गई। आतंकियों का उद्देश्य समाज में भय और द्वेष फैलाना था।
हमलावरों को पाकिस्तान ने पाला-पोसा
पहलगाम में चार आतंकियों ने हमला किया था। इनकी मदद के लिए कई अन्य लोग भी थे, जो फोन पर बात और चैट के जरिए उनकी मदद कर रहे थे। इन आतंकियों ने पाकिस्तान जाकर ट्रेनिंग ली थी। दो आतंकी पाकिस्तान के ही थे। ऐसे में भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े फैसले लिए हैं। जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान 1947 से ही आतंकवाद फैलाता रहा है। इसी वजह से अब भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कठोर फैसले लिए हैं।
सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े फैसले लिए
- भारत ने सिंधु जल समझौते को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया, जिससे पाकिस्तान के लिए जल संकट की आशंका बढ़ गई।
- अटारी बॉर्डर को आम आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया।
- सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए गए और उन्हें 48 घंटे में भारत छोड़ने का आदेश दिया गया।
- नई दिल्ली में पाकिस्तानी हाई कमीशन के डिफेंस एडवाइजर्स को एक सप्ताह में देश छोड़ने का निर्देश दिया गया।
- दोनों देशों के हाई कमीशन में कर्मचारियों की संख्या 55 से घटाकर 30 कर दी गई।