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Microplastic : पाचन तंत्र को प्रभावित कर रहा माइक्रोप्लास्टिक, दिमाग तक असर- रिसर्च

Microplastic :

Microplastic : यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू मैक्सिको एंड हेल्थ साइंसेज से जुड़े वैज्ञानिकों के एक अध्ययन में यह बात सामने आई है। आंतों से गुजरते हुए, वे शरीर के अन्य महत्वपूर्ण अंगों जैसे किडनी ऊतक, यकृत और मस्तिष्क तक पहुंचते हैं।

Microplastic रायपुर।  माइक्रोप्लास्टिक इन दिनों इंसान के लिए खतरा बन रहे हैं। अब यह इंसान के शरीर और दिमाग को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। पाचन तंत्र को भी छिन्न-भिन्न गुर्दे, लिवर तक जा सकते हैं।

दरअसल, यूनिवर्सिटी आप मैकिसको के वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन किया। जिसमें यह तथ्य निकल कर सामने आया है। प्लास्टिक्स के पांच मिलीमीटर से छोटे कण को माइक्रोप्लास्टिक कहा जाता है। अब तक यह माना जाता रहा है कि माइक्रोप्लास्टिक महासागर और वन्य जीवन के लिए खतरा बने हुए हैं। पर उक्त अध्ययन के मुताबिक अब यह इंसान के शरीर और दिमाग को भी नुकसान पहुंचा रहा है। ये न केवल पाचन तंत्र को प्रभावित कर रहे हैं। बल्कि आंतों से होते हुए शरीर के महत्वपूर्ण अंगों मसलन गुर्दे के ऊतकों, लिवर और मस्तिक तक पहुंच रहे हैं।

वैज्ञानिकों ने चूहों पर प्रयोग किया

उक्त अध्ययन को प्रभाव (असर) व्यक्ति के शरीर में देखने वास्ते वैज्ञानिकों ने चूहों पर चार हफ्ते प्रयोग किया पानी के जरिए चूहों को इंसान के खाने जितना माइक्रोप्लास्टिक खिलाया। इन चूहों को नली के जरिए पॉलीस्टाइनिन और मिक्स्ड पॉलीमर माइक्रोस्फेयर खिलाए गए। वैज्ञानिकों ने तब पाया कि माइक्रोप्लास्टिक खाने के बाद चूहों के खून, दिमाग, लिवर, किडनी और आंत की जांच की गई। जिसमें पाया गया कि माइक्रोप्लास्टिक आंतों से निकलकर
शरीर के दूसरे अंगों तक भी पहुंच सकता है।

अध्ययन से पता चला कि यह किडनी, लिवर और ब्रेन पर भी असर डाल सकता है

अध्ययन के दौरान यह भी सामने आया कि खाते -पीते यहां तक कि सांस लेते वक्त हम जिन माइक्रोप्लास्टिक के संपर्क में आते हैं। वो हमारे पेट के साथ किडनी, लिवर, ब्रेन में जा सकते हैं। इतना ही नही त्वचा के जरिए और अपच के कारण भी यह माइक्रोप्लास्टिक हमारे शरीर में प्रवेश कर सकते हैं।

अध्ययन से निकला निष्कर्ष

अध्ययन से पता चला कि माइक्रोप्लास्टिक्स ने प्रभावित ऊतकों में चयापचय मार्गों को बदल दिया है। इस संबंध में शोधकर्ता एलिसेओ कैस्टिलो का कहना है कि संपर्क में आने के बाद कुछ ऊतकों में माइक्रोप्लास्टिक का पता लगाया जा सकता है। इससे स्पष्ट रूप से पता चलता है कि ये महीन प्लास्टिक कण आंतों की बाधा को पार कर सकते हैं और अन्य ऊतकों में घुसपैठ कर सकते हैं।

(लेखक डा. विजय )

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