Manipur Violence: सुरक्षा बल की बसों में हिंसको ने लगाई आग : मई से अभी तक हालात खराब

मणिपुर में हिंसा रूकने का नाम नहीं ले रही है। कुकी और मैतेई समुदाय के बीच लगातार हिंसा बढ़ रही है। जैसे ही सरकार और आम लोगों को लगता है कि तनाव शांत हो गया है। वैसे ही फिर एक और घटना सामने आ जाती है। वहीं, अब मणिपुर के कांगपोकपी जिले में भीड़ ने कर्मियों को ले जाने के लिए सुरक्षा बलों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली दो बसों में आग लगा दी। इस दौरान किसी के हताहत होने की सूचना नहीं मिली है।

अधिकारियों ने बताया कि घटना उस समय की है, जब बसें मंगलवार शाम दीमापुर से आ रही थीं। कुकी और मैतेई समुदाय के बीच लगातार हिंसा बढ़ रही है। हिंसा कर रहे लोगों के एक समूह ने मणिपुर की बसों को सपोरमीना में रोक दिया और बस चालक से कहा कि वह देखना चाहते हैं कि दूसरे समुदाय का कोई सदस्य तो नहीं बैठा है। तभी भीड़ में से कुछ लोगों ने बसों में आग लगा दी। हालांकि, इस दौरान जनहानि की कोई खबर सामने नहीं आई।

मई से शुरू हुई थी हिंसा –
मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं। राज्य में तब से अब तक कम से कम 160 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।

मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि आदिवासी, जिनमें नागा और कुकी शामिल हैं, 40 प्रतिशत हैं और मुख्य रूप से पहाड़ी जिलों में रहते हैं।

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