राजनैतिक दलों को देश के वास्ते मिलकर समस्या सुलझाना होगा

मणिपुर : जनता सब जानती है… !
मणिपुर में लगी आग की वजह देश के सारे राजनैतिक दलों को पता है। जिसे बुझाने वक्त रहते सभी को समवेत प्रयास करना चाहिए। विपक्ष हो या सत्ता पक्ष, सबकी बराबर जिम्मेदारी है। कम या ज्यादा नहीं, सत्ता किसी भी की हो देश पहले है। हम सब देश के हैं। यह जानते-समझते, बुझते हुए भी तमाम दल मणिपुर के उग्र हो रहे दोनों समुदाय के लोगों से अपील क्यों नहीं करते कि जो हजारों हथियार- लाखों गोलियां सशस्त्र बल, पुलिस शिविर, थानों से छीने है उन्हें तत्काल वापस करें।
हिंसा रोकने, वहां समवेत प्रयास करने होंगे। मतई हो या कूकी जनजाति उन्हें समझना होगा। हथियार वापस देने होंगे। आज दोनों वर्ग एक-दूसरे के जानी दुश्मन बने बैठे हैं। सशस्त्र बलों, पुलिस जवानों पर हमला कर रहे हैं। ड्रोन तक से हमला होने लगा है। एक-दूसरे समुदाय की माताओं ,बहनों, बेटियों का दुष्कर्म हो रहा है। यह सब बहुत भयावह व गंभीर स्थिति है। म्यांमार से घुसपैठिए मणिपुर में सैकड़ों की संख्या में घुसपैठ कर रहे हैं। जो समस्या को और गंभीर बना सकते हैं। तमाम परिस्थितयों को उनसे हो रहे (पड़ रहे) प्रभावों को देखते हुए- देश की खातिर पक्ष-विपक्ष को मिलकर प्रयास करना होगा। संवेदनशील राज्य मणिपुर को देखने का नजरिया राष्ट्रीयता बनाना होगा। पास-पड़ोस के मुल्क (विदेशों) से वहां खतरा पैदा होने की आशंका है।
सत्ता आती-जाती रहती है। आज एक दल कल कोई दूसरा दल तो परसों कोई और संभालता है। पर राष्ट्रीयता या खतरे की आशंका के मद्देनजर एकजुट होकर वहां अमन शांति के प्रयास करने होंगे। लोगों को समझाया जा सकता है।
जिन समस्याओं को लेकर मैतेई-कुकी आपस में भिड़े- मारकाट, आगजनी, दंगा, फसाद कर रहे हैं। उन समस्याओं (हुए निर्णर्यों पर) को फिलहाल स्थगित करते हुए दोनों पक्षों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित कर, सर्वदलीय दल के प्रतिनिधियों को साथ ले चर्चा करनी चाहिए। दोनों समुदायों को समझाना होगा- विश्वास में लेना होगा कि वहां पुलिस, सशस्त्र बल, उनकी जान-माल की सुरक्षा के लिए तैनात हैं। उन पर भरोसा करें। जांच करने दें। अन्यथा अराजकता बढ़ती चली जाएगी। घाव पुराना है। पर ढाई तीन माह पूर्व-फिर से उभरा है उसका उपचार तत्काल करना होगा। देरी करने से घाव और गहरा जाएगा। जो संबंधित अंग (मणिपुर) को नुकसान पहुंचाएगा। सभी दल याद रखें देश की जनता सब पर नजर रखती है। वह सब जानती है।