Manipur President Rule: 21 माह से जारी हिंसा में 250 से अधिक मौतें, मुख्यमंत्री ने सौंपा था इस्तीफा

Manipur President Rule: मणिपुर में गुरुवार (13 फरवरी) को राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया। CM N बीरेन सिंह ने 4 दिन पहले ही पद से इस्तीफा दे दिया था। मणिपुर में 21 माह से जातीय हिंसा और अशांति का माहौल है। 250 से अधिक मौतें हो चुकी हैं।
Manipur President Rule: मणिपुर में गुरुवार (13 फरवरी) को राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया। CM N बीरेन सिंह ने 4 दिन पहले ही पद से इस्तीफा दे दिया था। मणिपुर में 21 माह से जातीय हिंसा और अशांति का माहौल है। अब तक 250 से अधिक मौतें हो चुकी हैं। हजारों लोग विस्थापित किए गए। स्कूल-कॉलेज भी बंद रहे।
मणिपुर के राज्यपाल ने राष्ट्रपति शासन का प्रस्ताव भेजा था। मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने भी इसके लिए सिफारिश की थी। इस्तीफे से पहले उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात कर राज्य की स्थितियों से अवगत कराया था।
गृह मंत्रालय ने जारी की अधिसूचना
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जारी अधिसूचना में स्पष्ट किया है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की राय है कि मणिपुर में स्थिति ठीक नहीं हैं। वहां की सरकार संविधान के प्रावधानों के अनुसार, नहीं चल पा रही। इसलिए संविधान के अनुच्छेद 356 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राष्ट्रपति शासन लागू करने का फैसला किया गया है।
CM ने 9 फरवरी को साैंपा था इस्तीफा
मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने 9 फरवरी को इंफाल में अपना इस्तीफा राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को सौंपा था। उनका यह इस्तीफा बजट सत्र बुलाए जाने से एक दिन पहले दिया था। इस्तीफे के बाद न सिर्फ बजट सत्र रद्द किया गया, बल्कि विधानसभा निलंबित कर राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया।
इस्तीफे की वजह
बीरेन सिंह ने अपने त्यागपत्र में बताया था कि मणिपुर के लोगों की सेवा करना मेरे लिए सम्मान की बात है। मणिपुर के हितों की रक्षा के लिए मैंने हर संभव प्रयास किए। राज्य के विकास और विभिन्न परियोजनाओं के क्रियान्वयन में सहयाग के लिए केंद्र सरकार का भरपूर सहयोग मिला। इसके लिए सदैव आभारी रहूंगा।
लोकतंत्र की हत्या का आरोप
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने पर प्रतिक्रिया दी है। कहा, भाजपा लोकतंत्र की हत्या करना चाहती है। वहां अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी चल रही थी। इससे पहले राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने मांगी थी रिपोर्ट
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बीरेन सिंह के इस्तीफे से पहले सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय फोरेंसिक लैब के लीक हुए ऑडियो टेप पर रिपोर्ट मांगी थी। दावा किया गया कि इस टेप में मुख्यमंत्री सिंह की आवाज है। जिसमें वह यह कहते सुने जा रहे हैं कि राज्य में जातीय हिंसा उनके आग्रह पर भड़काई गई है।
विधायक दल की बैठक में नहीं बन पाई सहमति
बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद भाजपा विधायक दल की बैठक हुई। इसमें पार्टी के पूर्वोत्तर प्रभारी संबित पात्रा भी मौजूद रहे, लेकिन अगले मुख्यमंत्री के लिए आम सहमति नहीं बन पाई। विपक्ष और कुकी समुदाय के लोग भी हिंसा के लिए बीरेन सिंह को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
मणिपुर दौरा करें प्रधानमंत्री: जयराम
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा, भाजपा को पता था कि मुख्यमंत्री ने सहयोगियों दलों भी विश्वास खो दिया है। कांग्रेस 10 फरवरी को अविश्वास प्रस्ताव ला रही थी, लेकिन 9 फरवरी को उन्होंने इस्तीफा दे दिया। छह माह के भीतर अगला सत्र बुलाना जरूरी है, लेकिन आज, राष्ट्रपति शासन की घोषणा कर दी। हम सहयोगियों से बात कर मणिपुर में मध्यावधि चुनाव की मांग करेंगे। हमारा सुझाव है कि प्रधानमंत्री को मणिपुर दौरा करना चाहिए।