Manipur Violence: मणिपुर के दरिदों की धरपकड़ जारी,अरेस्ट हुआ एक और आरोपी, अब तक पांच गिरफ्तार

Manipur : मणिपुर में 4 मई को भीड़ द्वारा दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने के मामले में पांचवें आरोपी को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। कल शुक्रवार तक इस मामले में 4 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई थी। वीडियो के आधार पर बड़े स्तर पर आरोपिओं की धरपकड़ अभियान चलाया जा रहा है। 19 जुलाई को सामने आए वीडियो में दो महिलाओं को पुरुषों का एक समूह बिना कपड़ों के परेड करवा रहा था। इस शर्मनाक घटना से देशभर में गुस्सा है। दरिंदों की भीड़ से गिरफ्तार हुए पांचवें आरोपी की पहचान यमलेमबाम नुंगसिथोई मैतई के तौर पर हुई है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताते हुए कहा था कि इस कारण पूरे देश की बेइज्जती हो रही है दोषियों को किसी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।

वीडियो के आधार पर हो रही गिरफ्तारी
अब तक मणिपुर पुलिस ने इस मामले में हुइरेम हेरादास, जीवन इलांगबाम, अरुण सिंह और तोम्बा सिंह को अरेस्ट किया था। सभी आरोपी थॉउबल जिले के हैं। अब पुलिस ने शनिवार को पांचवें आरोपी जो नोंगपोक सेकमाई अवांग लीकाई क्षेत्र का रहने वाला है उसे गिरफ्तार किया है। इस आरोपी का नाम युमलेम्बम नुंगसिथोई मेटेई (19 वर्ष) है। जांच में जुटी पुलिस के मुताबिक, वायरल वीडियो की मदद से बाकी आरोपियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया गया है। मणिपुर पुलिस और केंद्रीय बलों की 10 से अधिक संयुक्त टीमें संदिग्धों को गिरफ्तार करने के लिए बहुत बड़े स्तर पर तलाशी अभियान चला रही हैं।

चारों आरोपी 11 दिन की पुलिस हिरासत में
इस मामले में शुक्रवार को गिरफ्तार हुए चारों आरोपियों को 11 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस ने बताया कि थोउबल जिले की एक अदालत ने चारों आरोपियों को 31 जुलाई तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया है। बता दें कि मणिपुर में 4 मई को लगभग एक हजार उग्रवादियों की आधुनिक हथियार से लैस भीड़ ने कांगपोकपी जिले के एक गांव पर हमला किया और घरों में लूटपाट की, आग लगाई, हत्याएं की उसके बाद दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराया। इन महिलाओं के साथ हुए अत्याचार का वीडियो सामने आने के बाद पूरे देश में आक्रोश है और घटना के विरोध में जगह जगह प्रदर्शन किए जा रहे हैं।

पूरा मामला जानिए
बता दें कि, अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च के आयोजन के बाद पहली बार 3 मई को झड़पें हुई थीं। मेइती समुदाय मणिपुर की आबादी का लगभग 53 प्रतिशत हैं और ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं। जनजातीय नागा और कुकी जनसंख्या का 40 प्रतिशत हिस्सा हैं और पहाड़ी जिलों में निवास करते हैं। राज्य में शांति बहाल करने के लिए करीब 10,000 सेना और असम राइफल्स के जवानों को तैनात किया गया है।

लेकिन लाख कोशिशों के बावजूद भी कोई सुधार देखने को नहीं मिल रहा है, जिस कारण आम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अब तक इस हिंसा में 140 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है और 3000 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। केंद्र की मोदी और राज्य की बिरेन सरकार अब तक इस मसले पर पूरी तरह विफल दिखी है।

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