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महाराष्ट्र कांग्रेस ने 22 बागी नेताओं को किया निलंबित, इनमें कई पूर्व मंत्री शामिल

Congress Rebel Candidates Suspended: महाराष्ट्र कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से पहले 22 बागी नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। जानें पूरा मामला।

Congress Rebel Candidates Suspended: महाराष्ट्र कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से पहले 22 बागी नेताओं को छह साल के लिए निलंबित कर दिया है। ये नेता पार्टी के अधिकृत उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं, जिससे कांग्रेस को अंदरूनी संघर्ष का सामना करना पड़ रहा है। पार्टी ने इन बागी नेताओं पर “पार्टी विरोधी” गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए यह सख्त कदम उठाया है। इस एक्शन से पार्टी में अनुशासन को मजबूत करने का संदेश देने की कोशिश की गई है।

कई प्रमुख नेताओं पर गिरी गाज
कांग्रेस ने निलंबित नेताओं की सूची में कई बड़े नामों को शामिल किया है। इनमें पूर्व मंत्री राजेंद्र मुलक (रामटेक), याज्ञवल्क्य जिचकर (कटोल), कमल व्यावहारे (कसबा), मनोज शिंदे (कोपरी पचपाखडी), और आबा बागुल (परवती) शामिल हैं। इन नेताओं का चुनाव मैदान में उतरना पार्टी की ओर से घोषितत उम्मीदवारों के खिलाफ माना गया, जिससे कांग्रेस के चुनावी समीकरणों पर असर पड़ने की संभावना थी।

22 विधानसभा सीटों से उतरे हैं बागी उम्मीदवार
ये बागी उम्मीदवार महाराष्ट्र की 22 विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं। इस कदम के पीछे कांग्रेस का उद्देश्य यह है कि चुनाव में पार्टी के असली उम्मीदवारों काे जनता से समर्थन मिल सके। पार्टी के लिए इस तरह बागी उम्मीदवारों का चुनाव में उतरना नुकसानदेह साबित हो सकता है। साथ ही कांग्रेस ने बागी नेताओं पर एक्शल लेकर यह संदेश देने की कोशिश की है कि अनुशासनहीनता को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

महा विकास अघाड़ी और महायुति का मुकाबला
महाराष्ट्र में 20 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इस बार महा विकास अघाड़ी और महायुति का सीधा मुकाबला होगा। महायुति में भाजपा, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी शामिल हैं, जबकि महा विकास अघाड़ी में उद्धव ठाकरे की शिवसेना, शरद पवार की एनसीपी और कांग्रेस साथ हैं। इस बार के चुनाव परिणाम 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।

पिछले विधानसभा चुनाव में आगे रही थी भाजपा
2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 105 सीटें जीती थीं, जबकि शिवसेना को 56 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली थीं। 2014 के चुनावों में भाजपा ने 122 सीटें, शिवसेना ने 63 और कांग्रेस ने 42 सीटें जीती थीं। इस बार कांग्रेस के लिए आंतरिक संघर्ष को सुलझाना और महा विकास अघाड़ी को मजबूत करना एक बड़ी चुनौती होगी।

 

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