छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 : बृजमोहन के खिलाफ महंत राम सुंदर दास को लड़ाने की कांग्रेसी व्यूह रचना ..!

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 :
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 : एक तीर से दो शिकार का प्रयास महंत राम सुंदर दास को मनाने प्रयास जारी
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 : राजधानी में मंगलवार को इस बात की चर्चा जोरों पर हो रही है छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 कि रायपुर दक्षिण के लोकप्रिय वर्तमान विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के खिलाफ दूधाधारी मठ के महंत राजेश्री डॉ. राम सुंदर दास को कांग्रेस प्रत्याशी बना रही है। महंत इस वक्त छत्तीसगढ़ गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष हैं।
गौरतलब हो कि दक्षिण रायपुर विधानसभा क्षेत्र भाजपा का अमेघ किला बना हुआ है। यहां से पूर्व मंत्री वर्तमान विधायक बृजमोहन अग्रवाल चार बार चुनाव जीत चुके हैं। यानी दक्षिण विधानसभा रायपुर सीट घोषित होने से आज तक बृजमोहन अग्रवाल विधायक चुने जाते रहे हैं। उन्होंने इस परिक्षेत्र में जबरदस्त लोकप्रियता हासिल कर रखी है। इसके पूर्व तीन बार वे शहर विधायक भाजपा से रह चुके हैं। यानी 7 बार के विधायक हैं। उन्हें पार्टी ने आठवीं बार टिकट दिया है। एक तरह से विजय के पर्याय बन चुके हैं। लिहाजा कांग्रेस को इस क्षेत्र से उनके खिलाफ दमदार प्रत्याशी नहीं मिल रहा है। इस बार वैसे रविवि के पूर्व छात्र नेता, निगम सभापति प्रमोद दुबे का नाम दक्षिण रायपुर से जोरो से उभरा है। तो वही महापौर एजाज ढेबर की भी या किसी महिला को उम्मीदवार बनाने की चर्चा होते रही।
मंगलवार को शहर में चर्चा रही कि बृजमोहन को टक्कर देना आसान नहीं है। उन्हें सभी वर्गों, समुदायों का बराबर समर्थन मिलते रहा है। उनकी इमेज विजय का पर्याय सी बन गई है। वे भाजपा के लिए अन्य क्षेत्रों में संकटमोचक एवं दीगर भाजपा प्रत्याशियों, सांसदों को जीताते रहे हैं। वे पार्टी के प्रति भी पूर्ण समर्पित रहे हैं। चर्चा है कि ऐसे में बृजमोहन से पार पाने के लिए कांग्रेस अरसे से विचार-विमर्श कर रही थी। जब उन्हें कोई सामान्य दमदार प्रत्याशी बृजमोहन के विरुध्द नहीं मिला तब उनका ध्यान अचानक पामगढ़ जैजेपुर से पूर्व विधायक, शहर, प्रदेश में अच्छे छवि रखने वाले विरोधी पार्टियों के मध्य भी निर्विवादित रहे राजे श्री महंत डॉ. राम सुंदर दास की ओर गया। जो प्रसिद्धि एवं प्राचीन दूधाधारी मठ के महंत होने के साथ छत्तीसगढ़ गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष हैं। वे पुरानी बस्ती (दक्षिण रायपुर) परिक्षेत्र में निवास करते हैं। जहां उनकी छवि अच्छी महंत के तौर पर है। उनका प्रभाव दक्षिण के ही सुंदर नगर, अश्विनी नगर, टिकरापारा, नया बस स्टैंड, परिक्षेत्र, भाटागांव, चांगोराभाटा, कुशालपुर, ब्राह्मण पारा में भी है। उपरोक्त चीजों या स्थितियों से स्थानीय मतदाता अवगत है।
चर्चा है इतना सब होना महंत राम सुंदर दास के लिए दक्षिण रायपुर विधानसभा से चुनाव लड़ने पर्याप्त होगा। आगे कहा जा रहा है कि वे अगर प्रत्याशी बनाए जाते हैं तो एक झटके में 10 -15 हजार ब्राह्मण मतदाताओं का समर्थन तुरंत हासिल कर लेंगे। जो दक्षिण क्षेत्र में गेम चेंजिंग हेतु बड़ा कारक होगा
खैर ! कहां जा रहा है कि कांग्रेस के तमाम बड़े नेता उनसे (महंत) आग्रह कर रहे हैं कि वे (महंत) दक्षिण रायपुर से कांग्रेस उम्मीदवारी से स्वीकार करें। इतना ही नहीं अन्य दावेदार भी उनका नाम आगे आने पर, उनके लिए तक अपनी कथित दावेदारी छोडने-समर्थन देने की बात तक कह रहे हैं। वे भी महंत के उपरोक्त आग्रह कर रहे। दूसरी ओर कहा जा रहा है कि कांग्रेस एक तीर से दो निशाना साधने में जुटी है। वह दक्षिण सीट से भाजपा किला फतह करने के साथ बृजमोहन अग्रवाल जैसे प्रसिद्ध, दमदार उम्दा तेज तरार्र प्रतिद्वंद्वी से पार पाना चाहती है। उनसे पार पाना यानी भाजपा को मात देना कहा जाएगा। यहां यह बता देना जरूरी है कि बृजमोहन आज तक कोई चुनाव नहीं हारे है। जबकि राजेश्री महंत जैजेपुर विधानसभा सीट 2013 में हार गए थे। खैर अगर बृजमोहन, राम सुंदर के बीच टक्कर होती है तो मुकाबला बड़ा रोचक होगा। वहां सीट प्रदेश से स्तर पर प्रसिद्ध हो जाता है।
दोनों के मध्य मुकाबला जबरदस्त एवं प्रतिष्ठापूर्ण बन जाएगा। संभव है कि दो बिरादरी आमने-सामने हो जाए। क्योंकि 10-15 हजार अग्रवाल, जैन, मारवाड़ी, गुजराती, बनिया, पुरानी बस्ती, ब्राम्हणपारा, अश्विनी नगर, सदर बाजार, टिकरापारा, कालीबाड़ी, बैरन बाजार, कुशालपुर, सुंदर नगर में रहते हैं। चर्चा है कि इसी प्रतिष्ठा को ध्यान में रख महंत राजे श्री चिंतन- मनन में है। उनके सामने उहापोह की स्थिति है। एक तरह से धर्म संकट है। दूसरी और बृजमोहन प्रत्याशी घोषित हो चुके हैं। उनका एवं महंत का आपस में संबंध अच्छा-मधुर बताया जाता है। इसलिए घोषणा में देरी हो रही है।
(लेखक डॉ, विजय )