Mahakumbh stampede Govt Action: 30 मौतों के बाद अब अनुभवी अफसर संभालेंगे कमान, VIP पास रद्द

Mahakumbh stampede Govt Action: महाकुंभ में भगदड़ के बाद सरकार ने सुरक्षा कड़े कर दिए हैं। अनुभवी अफसरों की तैनाती की गई है। वीआईपी पास रद्द कर दिए गए हैं। मेला क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है। जानें सरकार ने क्या सख्त कदम उठाए हैं।
Mahakumbh stampede Govt Action: मौनी अमावस्या के शाही स्नान के दौरान मंगलवार और बुधवार (28 और 29 जनवरी) की दरम्यानी रात प्रयागराज के महाकुंभ में भगदड़ मच गई। इस हादसे में 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और 60 से ज्यादा श्रद्धालु घायल हो गए। घटना के बाद सरकार ने तुरंत एक्शन लिया। महाकुंभ में अनुभवी अधिकारियों की तैनाती की गई है। फिलहाल सभी VIP पास रद्द कर दिए गए हैं। इसके अलावा, पूरे मेला क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया हैं। सुरक्षा को लेकर पांच बड़े बदलाव किए गए हैं। 30 मौतों के बाद सरकार नींद से जाग चुकी है। आइए जानते हैं महाकुंभ में भगदड़ के बाद क्या बड़े बदलाव किए गए हैं।
महाकुंभ में अनुभवी अधिकारियों की तैनाती
भगदड़ के बाद राज्य सरकार ने तुरंत फैसला लेते हुए अनुभवी अफसरों की टीम को प्रयागराज भेजा है। IAS आशीष गोयल और भानु गोस्वामी को तुरंत कुंभ मेले की निगरानी के लिए बुलाया गया है। ये दोनों अधिकारी 2019 अर्धकुंभ में भी अहम भूमिका निभा चुके हैं। इनके अलावा, पांच और सीनियर अफसरों को प्रयागराज में ड्यूटी पर लगाया गया है। प्रशासन की ओर से कहा गया है कि इन अफसरों के अनुभव का फायदा उठाकर महाकुंभ में क्राउड मैनेजमेंट और सुरक्षा को और बेहतर किया जाएगा।
VIP पास रद्द, नो-व्हीकल जोन घोषित
भगदड़ की घटना के बाद सरकार ने सभी वीआईपी पास कैंसिल करने का निर्देश जारी किया है। अब किसी भी अफसर या VIP की गाड़ी को मेला क्षेत्र में एंट्री नहीं मिल पाएगी। इसके साथ ही, पूरे महाकुंभ क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है। इससे श्रद्धालुओं को पैदल आने-जाने में सहूलियत होगी। भगदड़ जैसी घटनाओं से बचा जा सकेगा।
मेले में पांच बड़े बदलाव किए गए
- पूरे मेला क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है। किसी भी गाड़ी को मेले में एंट्री देने पर पूरी रोक है।
- वन-वे ट्रैफिक लागू किया गया है। श्रद्धालुओं के लिए आने और जाने के रास्ते अब अलग-अलग कर दिए गए हैं।
- अतिरिक्त सुरक्षा बैरिकेडिंग की गई है। संगम नोज पर सुरक्षा बैरिकेडिंग को पहले से मजबूत कर दिया गया है।
- मेला स्पेशल ट्रेनों की व्यवस्था की गई है। रेलवे ने श्रद्धालुओं को सुगम यात्रा देने के लिए विशेष इंतजाम किए हैं।
- CCTV कैमरे और ड्रोन से निगरानी बढ़ाई गई। कैमरे और ड्रोन से पूरे मेला क्षेत्र पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
भगदड़ के कारण 30 से ज्यादा की मौत, जांच के आदेश
प्रशासन की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की मौत हुई, जबकि स्वतंत्र रिपोर्ट्स में यह संख्या 35 से 40 बताई जा रही है। घटना की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए गए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है। इसके अलावा, पूर्व न्यायाधीश हर्ष कुमार की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी गई है। यह कमेटी भगदड़ की विस्तृत रिपोर्ट बनाकर सरकार को सौंपेगी।
कैसे मची भगदड़?
मंगलवार-बुधवार की रात संगम क्षेत्र में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। ओल्ड जीटी रोड से लाखों की संख्या में लोग आ रहे थे। उसी दौरान एक महामंडलेश्वर की गाड़ी मुक्ति मार्ग से गुजर रही थी, तभी दो-तीन महिलाएं गिर गईं और गाड़ी उनके ऊपर से निकल गई। इसके बाद भगदड़ मच गई। मौके पर पांच लोगों की मौत हो गई, जिनमें एक बच्ची भी शामिल थी।
अखाड़ों ने जताई नाराजगी
महाकुंभ में हुए हादसे के बाद कई अखाड़ों और साधु-संतों ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि प्रशासन की बदइंतजामी के कारण यह हादसा हुआ। कुछ अखाड़ों ने तो शाही स्नान का बहिष्कार करने की भी चेतावनी दे दी थी, लेकिन प्रशासन के समझाने पर वे राजी हो गए। इसके बाद तीनों शंकराचार्यों ने सबसे पहले सांकेतिक स्नान किया, फिर साधु-संतों ने स्नान किया।
PM मोदी और CM योगी ने जताया दुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुख जताते हुए कहा कि वह उत्तर प्रदेश सरकार के संपर्क में हैं और हर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे संयम बनाए रखें और किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें। उन्होंने कहा कि संगम ही नहीं, गंगा हर जगह पवित्र है, श्रद्धालु जहां हैं, वहीं स्नान करें।
विपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सरकार पर निशाना साधा। राहुल गांधी ने कहा कि भगदड़ वीआईपी कल्चर और प्रशासन की लापरवाही का नतीजा है। वहीं, अखिलेश यादव ने मांग की कि महाकुंभ को पूरी तरह सेना के हवाले कर देना चाहिए ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।