दुर्गाेत्सव 2023 : राजधानी समेत समूचे प्रदेश में दुर्गात्सव पर भक्तों का सैलाब

दुर्गाेत्सव 2023 :
दुर्गाेत्सव 2023 : राजधानी में रविवार को महाअष्टमी की धूम
दुर्गाेत्सव 2023 : दुर्गाेत्सव की धूम राजधानी समेत समूचे प्रदेश भर में जारी है। दुर्गाेत्सव 2023 माता भक्त बड़ी संख्या में दर्शनार्थ पंडालों पर उमड़ रहे हैं। इस बीच जगराता, देवी जसगीत, गरबा आदि भी जारी है।
शारदीय नवरात्र का शुक्रवार को षष्ठी थी। पंचमी पर गुरुवार को भारी भीड़ भक्तों की दुर्गा पंडालों में उमड़ी थी। माता का दर्शन करने आमतौर पर लोग देर शाम 7.30 से 8 बजे भोजन उपरांत सपरिवार छोटे-छोटे समूहों में मोहल्ले, कालोनी से पैदल, ऑटो या निजी वाहनों से जा रहे हैं। समितियाें ने इस बार आकर्षक प्रतिमा विराजी है तो वहीं पंडाल में साज-सजावट दर्शनीय है। पंडालों का प्रवेश द्वार विभिन्न प्रसिद्ध मंदिर, शक्तिधाम, ज्योतिर्लिंग का प्रतिरूप लिए हुए है। तो कहीं-कहीं गुफा भी बनाया गया है। आसपास 100 मीटर की दूरी तक लाइटिंग की गई है। कुछ माता भक्त रात-रात भर घूम- घूमकर दर्शन कर रहे हैं। तो ज्यादातर रात 11-12 बजे तक लौट जा रहे हैं। इस दौरान समितियां बकायदा जगराता, जसगीत, गरबे का आयोजन कर रही हैं। जिससे भक्तजन बड़ी संख्या में शामिल हो रहे हैं। कल शनिवार को सप्तमी पर भी भीड़-उमड़ेगी तो वही रविवार को अष्टमी है। अवकाश का दिन होने से लाखों श्रद्धालु दर्शनार्थ एवं हवन पूजन में उमड़ेंगे।
तकरीबन सभी देवालयों, देवी मंदिरों में कलश स्थापना की गई है। जिसे देखने कलश स्थापना करने वाले जजमान अन्य भक्त पहुंच रहे हैं। सोमवार 23 अक्टूबर को नवमी रहेगी। दशहरा 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
राजधानी के महामाया मंदिर, कंकालिन मंदिर, बूढ़ेश्वर मंदिर, कालीमाता मंदिर, दंतेश्वरी मंदिर, बंजारी माता मंदिर, सिद्धेश्वरी माता मंदिर, लक्ष्मी नारायण मंदिर आदि में भक्त कतारबद्ध होकर माता का दर्शन कर रहे हैं। उधर शारदीय नवरात्र पर भक्त 3, 5 , 7, या 9 दिनों का व्रत धारण किए हैं। मंदिरों के बाहर पूजा- सामाग्रियों के स्टाल लगे हुए हैं। समूचे प्रदेश में दुर्गोत्सव की धूम है।
(लेखक डॉ. विजय)