Lucknow Building Collapse: 17 घंटे से राहत और बचाव कार्य जारी, डॉग स्क्वाड की मदद से मलबे में दबे लोगों की तलाश
लखनऊ के ट्रांसपोर्टनगर में एक तीन मंजिला इमारत के ढहने से अब तक आठ लोगों की मौत हो चुकी है और 28 घायल हैं। बचाव कार्य लगातार जारी है और मलबे में दबे लोगों को खोजने के लिए खोजी कुत्तों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। इस घटना में कई लोगों के लापता होने की भी खबर है और उनके परिजन उन्हें खोजने की गुहार लगा रहे हैं।
लखनऊ। ट्रांसपोर्टनगर में पिछले 17 घन्टे से बचाव और राहत कार्य जारी है। मलबे में कोई दबा न उसको तलाश के लिए पुलिस ने खोजी कुत्तों को भी लगाया है। वहीं तड़के चार बजे मलबे में दबे ट्रक को काटकर निकाला जा सका है। फिलहाल मृतकों की संख्या में कोई वृद्धि नहीं हुई है।
ट्रांसपोर्ट नगर में शनिवार को तीन मंजिला कांपलेक्स शनिवार दोपहर भरभरा कर ढह गई। इमारत में दवा, मोबिल आयल समेत चार गोदाम थे। काम्प्लेक्स जिस समय ढही उस समय 40 से अधिक लोग काम हर रहे थे। मलबे के नीचे दबने से आठ लोगों की मौत हो गई और 28 घायलों को अस्पतालों में भर्ती हैं। कई घायलों की हालत गंभीर है।
वहीं घटना के बाद से युद्व स्तर पर पुलिस प्रशासन के अलावा राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) और दमकल की टीमें बचाव कार्य कर रहीं हैं पिछले 17 घन्टे से बचाव कार्य चल रहा है। वहीं मलबा जल्दी हटाया जा सके तो हाइड्रा मशीन भी बुलाई गई। इसके साथ डॉग स्क्वाड की मदद से मलबे में दबे लोगों के बारे में पता लगाया जा रहा है।
मेरा भाई अभी नहीं मिला साहब, उसे ढूंढ दो
लोकबंधु अस्पताल में मजदूर शेर बहादुर, डाक्टरों और पुलिस कर्मियों से अपने भाई जगरूप सिंह के खोजबीन करने की गुहार लगा रहे थे। शेर बहादुर ने बताया कि वह दवा फर्म में कई सालों से काम कर रहे हैं। उनका भाई जगरूप सिंह भी कुछ महीने से काम कर रहा था। घटना के समय वह दूसरे तल पर था, जबकि भाई भूतल पर। भाई का रात तक कुछ पता नहीं चला।