Ujjain News: हिस्ट्रीशीटर से आधुनिक श्रवण कुमार ..!

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Ujjain News: मां के लिए खुद की चमड़ी से बनवा डाली चरण पादुका,कहा भगवान राम एवं रामायण से मिली सीख। अब धार्मिक-आध्यात्मिक कार्य में रमा।

Ujjain News: तकरीबन 5 बरस पूर्व धार्मिक नगरी उज्जैन में एक शख्स ने दहशत मचा रखी थी। लोग उसके नाम से कांपने लगे थे। उसने बकायदा अपनी गैंग बना रंगदारी भी शुरू कर दी थी। तब के कुख्यात हिस्ट्रीशीटर को पकड़ने सुपरकॉप प्रसिद्ध आईपीएम अधिकारी को मोर्चा संभालना पड़ा था। जिन्होंने घायल हुए शख्स को पकड़ा था उसी दहशत के पर्याय का दिल रामायण और उसके प्रमुख पात्र भगवान राम ने बदल कर रख दिया। आज वह उज्जैन में कुख्यात नही विख्यात है, वो इसलिए कि उसने खुद के शरीर के एक अंग से चमड़ा उतरवा कर अपनी माता के चरण पादुका बनवा दी। जिसकी कानों-कान खबर किसी को नहीं हुई जब तक किउसने खुद होकर इस संबंध में जानकारी सांझा नही की। शहर के लोग उसे अब हिस्ट्रीशीटर नही बल्कि कलयुग का श्रवण कुमार कहने लगे हैं।

रंगदारी कर चालता था, गैंग

उक्त युवक शहर उज्जैन के ढांचा भवन इलाके का रहवासी है, जिसका नाम रौनक गुर्जर है। वह महज 5 बरस पहले दहशतगर्दी का पर्याय बन चुका था। कुख्यात हिस्ट्रीशीटर के रूप में जाना-पहचाना जाता था। रौनक गुर्जर ने बकायदा गैंग बना रखा था उसका नाम सुनते ही लोग भयभीत हो जाते थे। उसके गैंग ने आपसी विवाद मोंटू गुर्जर नाम के शख्स को गोली मार दी थी। रौनक फिर फरारी काटते रहा। इस गैंग ने शहर के अंदर भोजनालय चलाने वाले कृपा भोजनालय के मालिक से 50 हजार की रंगदारी मांगी थी। न देने पर गोली चला दी थी। रेलवे स्टेशन के पास सपना स्वीट्स के संचालक से भी 5 लाख रुपए की रंगदारी मांगी फिर न मिलने पर फायरिंग की। उसका गैंग इसी तरह रंगदारी करते हुए अपना खर्च निकालता था।

बताया जाता है कि पुलिस वाले भी रौनक से दूरी बनाकर चलते थे। ऐसे दौर में प्रसिद्ध आईपीएम सुपर कॉप रहे सचिन अतुलकर एसपी उज्जैन के पद पर पदस्थ हुए। जिन्होंने गुर्जर रौनक पर 40 हजार रुपए का इनाम रखा पर कोई पकड़ा गया नही तब क्राइम ब्रांच की टीम के एसपी सचिन ने रौनक एवं अन्य बदमाशों को पकड़ने दबिश दी। इस दौरान उन्हें पता चला कि रौनक गुर्जर कार में सवार होकर पिंगलेश्वर (उड़ीसा) भाग रहा था। एसपी ने बदमाशों को पकड़ने दबिश दी टीम ने रौनक एवं साथियों को घेर लिया। जिस पर गैंग ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी फायरिंग में रौनक के पैर में पुलिस की गोली लगने से घायल अवस्था में उसे अस्पताल ले जाया गया। जहां से इलाज बाद जेल भेज दिया गया। फिलहाल रौनक जमानत पर है, इसके बाद रौनक की कहानी यू टर्न लेती है।

रामायण (भगवान राम) ने जीवन बदल दिया

बकौल रौनक उसे अचानक रामायण में रुचि जागी जिससे मां की सेवा की प्रेरणा मिली। वह रोज रामायण पाठ करता है प्रभु राम के चरित्र ने उसे पूरी तरह बदल कर रख दिया। रौनक की माने तो उसे सपने में भगवान राम ने कहा कि अपनी मां के लिए चमड़े का खड़ाऊ भी बनवा दे तो कम है, बस इसी बात को लेकर उनके (रौनक) मन में ख्याल आया और मां के लिए चमड़े का खड़ाऊ बनवाएं। और फिर मां को भेंट करें। रौनक के अनुसार वह शहर के एक निजी अस्पताल में गुपचुप तरीके से भर्ती हो गया वहां गुपचुप सर्जरी कराके जांघ की चमड़ी निकलवाई। परिवार क्या दोस्तों तक को खबर नही लगने दी। फिर डिस्चार्ज होकर मोची के पास खुद की उतारी चमड़ी लेकर पहुंचा। जहां मोची ने बड़ी कुशलता-दक्षता पूर्वक चमड़ी से चरण पादुका बना दी। यहां पुलिस या खुद रौनक ने स्पष्ट नही किया है कि मोची को इस बात की जानकारी थी कि नहीं नही कि वह जिस चमड़ी से चरण पादुका बना रहा है, वह इंसान वह भी सामने खड़े रौनक की है।

खैर ! 14 से 21 मार्च के बीच रौनक ने अपने घर पर भागवत कथा का आयोजन किया इस धार्मिक आयोजन के बीच उसने मां को चरण पादुकाएं भेंट की। जब कथा में व्यास पीठ पर बैठे जितेंद्र महाराज एवं श्रोताओं समेत रौनक की मां को रौनक के इस समर्पण, त्याग का पता चला तो कोई शख्स वहां अपनी आंखों से आंसू रोक नही पाया। बेटे का त्याग देख मां की आंखों से अविरल आंसू बहते रहे। रौनक फिलहाल विभिन्न मामलों में जमानत पर है, पर अब नियमित तौर पर धार्मिक गतिविधियों में लीन रहने की कोशिश करता रहता है। रामायण पाठ प्रतिदिन करता है। हर प्रकार की पूर्व की बदमाशी त्याग चुका है। शहरवासियों का नजरिया भी उसके प्रति बदल चुका है।

(लेखक डा. विजय )

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