Loksabha Election 2024 : महाराष्ट्र में केंद्रीय गृह मंत्री ने विपक्षियों पर जमकर साधा निशाना, कहा- ‘तीन तिगड़ा काम बिगड़ा’

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Loksabha Election 2024 : महाराष्ट्र में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्षी पार्टियों पर जमकर निशाना साधा। साथ ही उन्होंने तीनों [पार्टियों को लेकर एक कहावत भी कही जिसमें उन्होंने कहा कि ‘तीन तिगड़ा काम बिगड़ा’।

Loksabha Election 2024 : नांदेड़ : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह महारष्ट्र के नांदेड़ में विपक्षी पार्टियों पर जमकर बरसे। इस दौरान उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली ‘नकली’ शिवसेना, शरद पवार के नेतृत्व वाली ‘नकली’ NCP और आधे-अधूरे मन वाली कांग्रेस पार्टी महाराष्ट्र के विकास को गति देने की स्थिति में नहीं है। यह केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा नीत NDA सरकार के तहत ही संभव है। उन्‍होंने कहा, “महाराष्ट्र में हमारे खिलाफ तीन पार्टियां हैं। एक नकली शिवसेना (Shiv sena) है, दूसरी नकली एनसीपी (NCP) है और तीसरी आधी-अधूरी कांग्रेस है।

तीन तिगड़ा काम बिगड़ा- अमित शाह
गृह मंत्री ने विपक्षी नेताओं पर तंज कसते हुए कहा कि गुजरात में एक कहावत है – ‘तीन तिगड़ा काम बिगड़ा’ जब तीन एक हो जाते हैं तो काम बिगड़ जाता है। इसलिए उद्धव ठाकरे की शिवसेना पार्टी आधी हो गई, शरद पवार के नेतृत्व वाली NCP भी आधी हो गई है।” साथ ही उन्होंने विपक्षियों को लेकर भविष्यवाणी की कि एक बार चुनाव (Loksabha Election 2024) होने दीजिये, मतभेद से यह गठबंधन टूट जाएगा।

शरद पवार पर साधा निशाना
शरद पवार पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने दावा किया कि यूपीए सरकार में अपने 10 साल के मंत्री वाले कार्यकाल के दौरान उन्होंने पिछले 10 वर्षों में मोदी सरकार की तुलना में राज्य के विकास को बढ़ावा देने के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा, “पवार के 10 साल के मंत्रिस्तरीय कार्यकाल के दौरान महाराष्ट्र को पिछले 10 वर्षों में रिकॉर्ड 7.15 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले केवल 1,51,000 करोड़ रुपये मिले। राज्य को बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 3,90,000 करोड़ रुपये, राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए 75,000 करोड़ रुपये मिले। रेलवे के लिए 2,10,000 करोड़ रुपये, हवाईअड्डों के लिए 4,000 करोड़ रुपये और विशेष बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान है।”

इसके साथ ही गृह मंत्री ने कहा कि मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर और उस्मानाबाद का नाम बदलकर धाराशिव कर दिया, जिसका शरद पवार ने विरोध किया था। उन्होंने कहा, “बालासाहेब ठाकरे औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदलने के पक्ष में थे। लेकिन उनका नाम बदलने के बाद उद्धव ठाकरे के चेहरे पर कोई मुस्कान नहीं थी।

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