Lok Sabha Election : लोकसभा चुनाव से पहले RJD प्रमुख की मुश्किलें बढ़ी, गिरफ़्तारी का वारंट जारी
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Lok Sabha Election : लोकसभा चुनाव से पहले RJD प्रमुख लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें बढ़ गयी हैं। ग्वालियर की MP-MLA कोर्ट ने उनके खिलाफ गिरफ़्तारी का वारंट जारी किया गया है।
Lok Sabha Election : पटना : राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया गया है। जिसके बाद बिहार में सियासत तेज हो गई है। यह वारंट आर्म्स एक्ट के मामले में जारी हुआ है। यह मामला 1995-97 का है। इसमें फॉर्म 16 के तहत हथियारों की सप्लाई का आरोप लगाया गया है। पुलिस की जांच में लालू प्रसाद का नाम सामने आया। साथ ही यह पता चला कि लालू प्रसाद कोई और बल्कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री हैं। गिरफ़्तारी वारंट के बाद से लालू प्रसाद की मुश्किलें बढ़ गई हैं। इस मामले में अब उनकी तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है और कहा है कि वह मूली नहीं हैं जो कोई उनको उखाड़ फेंकेगा।
मामले में लालू प्रसाद यादव ने भी अपनी प्रतिक्रिया साझा की
मूली थोड़े हैं कि उखाड़ के फेंक दोगे।
लालू प्रासाद यादव नाम है। इस बुढ़ापे में भी तुम्हारा काल बनकर चट्टान की भाँति खड़ा हूँ, अपने उसूलों पर अड़ा हूँ। pic.twitter.com/fIfcwRftrU
— Rofl Lalu (@Rofl_Lalu) April 5, 2024
RJD प्रमुख ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट X पर एक वीडियो शेयर किया। जिसमें उन्होंने कहा कि, “मूली थोड़े हैं कि उखाड़ के फेंक दोगे। लालू प्रासाद यादव नाम है। इस बुढ़ापे में भी तुम्हारा काल बनकर चट्टान की भाँति खड़ा हूँ, अपने उसूलों पर अड़ा हूँ।”
BJP ने लगाए आरोप
वारंट जारी करने के बाद से भारतीय जनता पार्टी लगातार लालू प्रसाद की पार्टी राजद पर हमला बोल रही है। भाजपा (BJP) ने सोशल मीडिया पर लिखा कि कांग्रेस और राजद ने बिहार को पीछे धकेलने का काम किया। लालू प्रसाद पर हमला बोलते हुए कहा कि लालू राज में जमीन लेने के बाद नौजवानों को रोजगाार दिया जाता था। इसके अलावा भाजपा ने ये भी लिखा कि राजद ने वातावरण दूषित कर दिया था। पीएम मोदी जी के बिहार आने से वातावरण साफ हो गया है। अब एकतरफा लड़ाई है। 2024 के लोकसभा चुनाव में बिहार में भाजपा चालीस के चालीस सीट पर जीतने जा रही है। जनता ने महागठबंधन की सारी करतूत को देख रही है।
23 आरोपियों के खिलाफ पेश की चार्जशीट
प्राप्त जानकारी के मुताबिक जांच में पता चला है कि 1995-97 में फर्जी दस्तावेजों के जरिए कुल तीन फर्मों से हथियार और कारतूस खरीदे गए थे। इस मामले में लालू प्रसाद समेत कुल 23 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पेश की थी गई थी। इन आरोपियों में से दो की मौत हो चुकी है जबकि 14 फरार है। पुलिस ने इस मामले में 1998 में चार्जशीट दाखिल किया था। लालू प्रसाद का मामला एमपी-एमएलए कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया था। कोर्ट जब इस बात को लेकर आश्वस्त हो गई कि संबंधित शख्स लालू प्रसाद यादव बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री है, तब उनके गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है।