Lok Sabha Election : छत्तीसगढ़ में प्रशासन हुआ सख्त, आचार संहिता लागू होने पर हटाए गए सभी प्रचार सामग्री…

Lok Sabha Election : छत्तीसगढ़ में आचार संहिता लागू होने के बाद से प्रशासन काफी सख्त हो गया है। प्रशासन ने आचार संहिता लागू होते ही सभी बैनर्स, पोस्टर्स और वॉल राइटिंग हटा दिए है।
Lok Sabha Election : रायपुर : छत्तीसगढ़ में प्रशासन लोकसभा चुनाव के पहले की तैयारियों में जोर शोर से लग गया है। आचार संहिता लगते ही प्रशासन ने सख्ती से पेश आना शुरू कर दिया है। निर्वाचन आयोग की टीम ने आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद से संपत्ति विरूपण अधिनियम के तहत पब्लिक प्लेस और प्राइवेट प्रॉपर्टीज से वॉल राइटिंग, पोस्टर और बैनर हटाने की कार्यवाही को तेजी के साथ किया जा रहा है। अब तक प्रदेश में इन दोनों तरह की संपत्तियों से कुल 3,14,674 प्रचार सामग्रियां हटाई गई हैं। इसमें से सार्वजनिक संपत्तियों से 1,99,154 और प्राइवेट प्रॉपर्टीज से 1,15,520 प्रचार सामग्रियां हटाया गया है।
सबसे ज़्यादा सामग्री दुर्ग जिले से हटाई गई
जानकारी के अनुसार, सबसे ज्यादा दुर्ग जिले में सरकारी और निजी संपत्तियों पर से पोस्टर, बैनर, वॉल राइटिंग जैसी सामग्री को हटाया गया है। अकेले दुर्ग जिले में प्रशासन ने 41,788 सामग्रियों को हटाया है। वहीं गरियाबंद में 5,784, सुकमा में 2,048, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 2,931, खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई में 2,819, जशपुर में 4,425, बेमेतरा में 8,928, बालोद में 16,973, बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में कुल 8,935, सूरजपुर में 3,942, जांजगीर-चांपा में 8,531, बिलासपुर में 27,881, सारंगगढ़-बिलाईगढ़ में 5,774 और सरगुजा में 9,876 मामलों पर कार्यवाही की गई है।
निर्वाचन अधिकारी ने दी जानकारी
छत्तीसगढ़ की मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबासाहेब कंगाले ने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य के सभी जिला कलेक्टरों और जिला निर्वाचन अधिकारियों की तरफ से संपत्ति विरूपण अधिनियम के तहत पूरे प्रदेश में कुल 3 लाख 27 हजार 210 मामले मार्क किए गए हैं। इसमें से 2 लाख 9 हजार 45 मामले सार्वजनिक स्थानों के हैं और 1 लाख 18 हजार 165 मामले प्राइवेट प्रोपर्टीज से जुड़े हैं। इन सभी प्रकरणों को हटाने की कार्यवाही पर जिला प्रशासन द्वारा तेजी से काम जारी है।