Thu. Jul 3rd, 2025

Indian Railway: 18 साल बाद लोको पायलट-गॉर्ड को लोहे के ट्रंक की जगह मिलेगा ट्रॉली बैग, रेलवे का बड़ा फैसला

Indian Railway:

Indian Railway: रेलवे के लोको पायलट व गार्ड को 20 किलो वजनी ट्रंक से जल्द छुटकारा मिल सकता है। उसकी जगह भी ट्रॉली बैग इस्तेमाल कर सकेंगे।

Indian Railway रायपुर। रेलवे के लोको पायलट व गार्ड को 20 किलो वजनी ट्रंक से जल्द छुटकारा मिल सकता है। उसकी जगह भी ट्रॉली बैग इस्तेमाल कर सकेंगे। भारतीय रेलवे की तरफ से लोको पायलट के लिए एक जरूरी खबर सामने आई है। करीब 18 साल बाद रेलवे लोको पायलटों और गार्डों को लोहे के ट्रंक की जगह ट्रॉली बैग देने की तैयारी में हैं। अगर सबकुछ योजना के मुताबिक हुआ तो लोको पायलटों और गार्डों को अब अपने निजी सामान और आधिकारिक उपकरण लोहे के ट्रंक में नहीं रखने पड़ेंगे और वे इसके बदले ट्रॉली बैग का इस्तेमाल कर सकेंगे।

रेलवे प्रशासन ने दी जानकारी

ततसंबंध में रेलवे विचार व अमल करने जा रहा है। बोर्ड ने सभी जोन को पत्र लिखकर लोको पायलट और गार्ड को ट्रॉली बैग उपलब्ध कराने को कहा है। जोनल रेलवे लोको पायलट और गार्ड द्वारा खुद खरीदे गए ट्रॉली बैग के बदले भत्ता देने का निर्णय ले सकते हैं। भत्ता हर 3 साल के लिए 5 हजार रुपए अधिकतम होगा। बताया जा रहा है कि हफ्ते भर पूर्व बोर्ड ने तमाम जोनल रेलवे को ट्रॉली बैग उपलब्ध कराने के नीतिगत निर्णय लागू करने को कहा है।

लोको पायलट को नहीं ढोने पड़ेंगे भारी ट्रंक

उधर एक रेलवे अधिकारी ने बताया है कि जब भी कोई लोको पायलट या गार्ड अधिकारिक तौर पर ड्यूटी ज्वाइन करता तब सबसे पहले साइन इन करता है। वह इंजन, गार्ड कैबिन में 20 किलो से अधिक वजन का एक लोहे का ट्रंक रखता है जिसमें रेलवे की नियमावली विभिन्न उपकरण, निजी सामान होता है। ट्रंक ले जाने हेतु एक कुली मुहैय्या कराया जाता है, जो पेटी को कैबिन में ले जाता है। उधर गार्ड यूनियन ने उक्त आदेश को मनमाना करार देते हुए कहा है कि रेलवे ट्रेन प्रबंधकों पर बॉक्स पोर्टर या बॉक्स बाय (कुली) की ड्यूटी थोप रहा है।

(लेखक डा. विजय)

About The Author