Thu. Jul 24th, 2025

पाकिस्तान सरकार गठन में सेना की दखलदांजी ..!

पाकिस्तान न्यूज इस्लामाबाद

पाकिस्तान न्यूज इस्लामाबाद

भारत के साथ मधुर संबंधों की संभावना कम

पाकिस्तान न्यूज इस्लामाबाद : पाकिस्तान में आखिर वही हुआ जिसका डर था। सेना ने वहां अपना रिमोट कंट्रोल आधारित प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ को बनाने का फरमान अघोषित रूप से जारी कर दिया। सेना के इशारों पर छह दलों ने शहवाज शरीफ को पीएम बनाने की शर्त पर पीएमएल-एन को समर्थन देने की घोषणा कर दी है।

शहवाज शरीफ पीएम पद की दौड़ में सबसे आगे हैं

आम चुनाव में रातों-रात धांधली के आरोपों बाद सरकार गठन को लेकर नाटक चलते रहा। जहां पीएम पद के पात्रों का अंदाज व संवाद बदलते चला। अब कहा जा रहा है कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग- नवाज (पीएमएल-एन) ने प्रधानमंत्री पद के लिए नवाज शरीफ के छोटे भाई शहवाज शरीफ को नामांकित किया है। आम चुनाव में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला है। जबकि इमरान खान की पार्टी समर्थित 93 सांसद चुनकर आए हैं। जिन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा था। इमरान जेल में सजा काट रहे हैं। जिन्होंने कह दिया कि उनकी पार्टी समर्थित निर्दलीय सरकार बनाने का न तो दावा करेंगे और न ही किसी दूसरे दल को समर्थन देगे। बल्कि विपक्ष में बैठकर मुद्दा उठायेंगे।

नवाज शरीफ का ढाई-ढाई फॉर्मूला काम नहीं आया

इधर सेना भी नहीं चाहती कि इमरान की पार्टी सत्ता में रहे। उधर पीपीपी पहले कह रही थी कि बिलावल भुट्टो को प्रधानमंत्री बनाओं। फिर नवाज शरीफ ने ढाई-ढाई वर्ष के लिए दोनों दलों को मौका देने का प्रस्ताव मजबूरी में रखा। इस बीच अन्य दलों के भी सुर- बदलते रहे। इन सबके बीच आखिरकार सेना प्रमुख असीम मुनीर ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए नया फार्मूला दिया है, जिसमें शहवाज शरीफ प्रधानमंत्री होगे। तो वही पीपीपी के आसिफ अली जरदारी पूर्व राष्ट्रपति। उनकी पार्टी के सांसद को नेशनल असेंबली का अध्यक्ष पद भी देने की चर्चा है,तो वहीं नवाज शरीफ की सुपुत्री मरियम को पंजाब का मुख्यमंत्री बनाने की पेशकश।

गठबंधन सरकार बनाने का फैसला

चर्चा है की सेना नही चाहती कि नवाज शरीफ जैसा पूर्व अनुभवी नेता प्रधानमंत्री बने। क्योंकि उन्हें कंट्रोल में रखना मुश्किल होगा। लिहाजा उनके छोटे भाई शहवाज शरीफ को प्रधानमंत्री बनाया जाए। जो पूर्व में सेना के लिए बतौर पीएम (कार्यवाहक) आज्ञाकारी रहे थे। कहा जा रहा है कि पीएमएल-एन के साथ पीपीपी, एसक्यूएम-पी पीएमएल-क्यू, आईपीपी और बलूचिस्तान आवामी पार्टी साथ आई है। इन सभी ने मिलकर डेढ़ सौ से अधिक 152 सामान्य सीटें जीती है।

पाकिस्तान की सत्ता सेना के हाथ में होने के कारण भारत के साथ मधुर संबंध कम रहेंगे

पाक मीडिया का दावा है कि चुनाव में धांधली में सेना का नाम प्रमुखता से उभरने,इधर सत्ता वास्ते पीएमएल-एन और पीपीपी के बीच खींचातनी से नाराज सेना प्रमुख असीम मुनीर ने दोनों दलों को चेताया। जिसके बाद बिलावल सरकार बनाने में आना-कानी करने लगे। तो वही मरियम के सुर भी बदले। जिन्हें पंजाब प्रांत का सीएम बनाया जाएगा। इस तरह देखे तो पाकिस्तान की सरकार सेना के द्वारा संचालित रहेगी। जो कभी नही चाहती कि भारत से संबंध मधुर हो। शहवाज के माध्यम से सेना अपनी बात भारत के सामने थोपेगी। ऐसे में भविष्य में भारत-पाक संबंध के सहज होने की संभावना क्षीण हैं। जरदारी बिलावल भी नाम मात्र के रह जायेगे। तो नवाज शरीफ पर्दे के पीछे से छोटे भाई पीएम शहवाज को निर्देशित करेंगे, पर चलेगी सेना की।

(लेखक डा. विजय)

About The Author