सेहत के प्रति थोड़ा फिक्रमंद बनें वरना …!

जंक फूड सेहत के लिए हानिकारक
विशेषज्ञ डॉक्टर योगेंद्र मल्होत्रा का कहना है कि जीवन शैली में बदलाव, फास्ट फूड का अधिक सेवन, नमक- शक्कर का ज्यादा उपयोग, शारीरिक गतिविधियां कम होना, खाने का समय तय न होना, बात-बात पर तनाव लेना, बीपी एवं शुगर के प्रमुख कारण हैं।
रायपुर न्यूज : स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही आपको किसी भी बीमारी का मरीज बना सकती है। देर हो उसके पहले सतर्क हो जाए। स्वास्थ्य विभाग कि ताजा रिपोर्ट यह संकेत देती है कि आमजनता भी लापरवाह हो रहें हैं। जिसमें ग्रामीण, भी शामिल है। चिकित्सकों की सलाह है कि बात-बात में तनाव, शारीरिक गतिविधियां कम होना, नमक-शक्कर का ज्यादा उपयोग तथा खान-पान का निश्चित समय न होना, बीपी- डायबिटीज को बढ़ावा देना है।
प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने गत दिनों तमाम जिलों में बीपी-डायबिटीज के मरीज पता करने जांच कराई तो रिपोर्ट हैरान करने वाली थी। वजह छोटे शहरों, कस्बों, गांवों में बड़े शहर की अपेक्षा ज्यादा मरीज पाए गए। बीपी के मामले में बेमेतरा 47 फीसदी के साथ अव्वल दर्जे में है। तो बालोद 39% लेकर दूसरे स्थान पर। नारायणपुर जैसा आदिवासी, वन बाहुल्य इलाका से 34 फीसदी लोग प्रभावित निकले। महासमुंद कस्बे से 34 %जबकि राजधानी रायपुर से भी 34% लोगों में बीपी, शुगर के साथ लक्षण नजर आए। प्रत्येक जिलों में 18 से लेकर 34 हजार तक लोगों की जांच की गई थी।
उधर डायबिटीज यानी शुगर की स्थिति देखें इसमें भी बेमेतरा सबसे आगे है। जहां 52 फीसदी लोग ग्रसित हैं। नारायणपुर 43% लेकर दूसरे क्रम पर है। जबकि महासमुंद, मुंगेली, नांदगांव जिले में 34 फीसदी लोगों को डायबिटीज है। प्रत्येक जिले में डायबिटीज जांच हेतु 10 हजार से लेकर 11हजार तक लोगों की जांच की गई।
उपरोक्त आंकड़े बताते हैं कि आमजन अपने स्वास्थ्य के प्रति किस कदर लापरवाह है। जांच करने वाले चिकित्सक तब आवक रह गए जब उन्हें पता चला कि बीपी, शुगर से ग्रसित लोगों को इसकी जानकारी तक नहीं थी। दवा-लेना तो दूर की बात। विशेषज्ञों का कहना है कि आमतौर पर दोनों बीमारियों का लक्षण पकड़ नहीं पाते या नियमित स्वास्थ्य जांच नहीं कराते। लोग समस्या बढ़ने के बाद अस्पताल पहुंचते हैं।
विशेषज्ञ डॉक्टर योगेंद्र मल्होत्रा का कहना है कि जीवन शैली में बदलाव, फास्ट फूड का अधिक सेवन, नमक- शक्कर का ज्यादा उपयोग, शारीरिक गतिविधियां कम होना, खाने का समय तय न होना, बात-बात पर तनाव लेना, बीपी एवं शुगर के प्रमुख कारण हैं।
डॉक्टर मल्होत्रा कहते हैं कि बीपी, डायबिटीज से बचने के लिए जीवन शैली में सुधार लाना जरूरी है। सुबह जल्दी उठकर 15-20 मिनट व्यायाम करें, या तेज चले। सायकल चलाए, तेल-मसाला वाला खाद्य पदार्थ कम खाए। पानी भरपूर पिए। नारियल पानी, छाछ का उपयोग करें। मीठी चीजें कम खाएं। पर्याप्त नींद 7- 8 घंटे की लें। नमक का कम उपयोग करें। हर 2 माह में स्वास्थय जांच कराए।
बड़े शहरों की अपेक्षा छोटे शहरों, कस्बों, गांवों, वन बाहुल्य इलाकों में भी मरीज मिलने की वजह दूसरी भी है। छोटे शहरों कस्बों के लोगों का कार्यस्थल घर से ज्यादा दूर नहीं होता। बड़े शहरों की अपेक्षा छोटे शहरों पर स्वास्थ्य सुविधा कम होती है, सरकारी अस्पताल में चिकित्सक कम होते हैं।लोग व्यायाम भी कम करते हैं। खाने में शक्कर, नमक का सेवन ज्यादा करते हैं। बड़े शहरों की अपेक्षा छोटे शहरों, कस्बों, गांवो के लोग मनोरंजन कम होने, मेल-मिलाप सीमित होने, जरूरी चीजों का अभाव, घरेलू समस्याओं की वजह से तनाव ज्यादा लेते हैं। बात-बात में गुस्सा हो जाते हैं। समस्या पर विचार कम तनाव पहले लेते है।दैनिक गतिविधियों को नजर अंदाज करते हैं।