Sat. Jul 5th, 2025

वक्फ संशोधन विधेयक पारित होने पर बोले कपिल सिब्बल

लोकसभा के बाद वक्फ संशोधन विधेयक राज्यसभा से भी पास हो गया है। विपक्षी नेताओं ने इस विधेयक का पुरजोर विरोध किया है। राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने साफ शब्दों में कहा कि इस संशोधित बिल के कारण विभाजन की राजनीति से देश को नुकसान होगा।

संसद द्वारा वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पारित किए जाने के बाद राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने शुक्रवार को कहा कि विभाजन की राजनीति से देश को नुकसान होगा। सिब्बल ने कहा कि बिल के संशोधन पर 125 से 92 और बिल के पारित होने के लिए 128 से 95 वोट पड़े। दोनों सदनों में उनका बहुमत है। इसलिए ऐसा हुआ है।

इसका पड़ेगा राजनीतिक प्रभाव

इसके साथ ही कपिल सिब्बल ने कहा कि बिल का काफी विरोध हुआ है। इसका राजनीतिक प्रभाव पड़ेगा, खासकर उन राजनीतिक दलों पर जिन्होंने भाजपा का समर्थन किया है क्योंकि बिहार में चुनाव होने वाले है। विभाजन की राजनीति से देश को नुकसान होगा।

हां में 128 और नहीं में 95 वोट पड़े

गुरुवार को संसद में गरमागरम बहस के बाद देर रात वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पारित कर दिया गया। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा, ‘हां में 128 और नहीं में 95 वोट पड़े, अनुपस्थित शून्य लोग रहे। बिल पारित हो गया है।’ संसद में मुस्लिम वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024 भी पारित हो गया है। विधेयक पारित करने के लिए सदन में सभी सांसद आधी रात से भी ज्यादा देर तक बैठा रहे।

मुस्लिम समुदाय के करोड़ों लोगों को फायदा होगा- रिजिजू

केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्षी दलों पर वक्फ संशोधन विधेयक पर लोगों को गुमराह करने की कोशिश करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इससे मुस्लिम समुदाय के करोड़ों लोगों को फायदा होगा। राज्यसभा में विधेयक पर 12 घंटे से अधिक समय तक चली बहस का जवाब देते हुए रिजिजू ने कहा कि संशोधित विधेयक में संयुक्त संसदीय समिति द्वारा दिए गए कई सुझावों को शामिल किया गया है।

वक्फ संशोधन विधेयक को बदलकर ‘उम्मीद’ नाम किया गया

रिजिजू ने कहा कि वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 का नाम बदलकर उम्मीद (Unified Waqf Management Empowerment Efficiency and Development) विधेयक रखा जाएगा। लोकसभा, जिसने बुधवार को वक्फ (संशोधन) विधेयक पर चर्चा की। सदन में बिल को लेकर जोरदार बहस के बाद आधी रात को इसे पारित कर दिया गया।

संसदीय समिति की सिफारिशों के बाद पेश हुआ विधेयक

सरकार ने संयुक्त संसदीय समिति की सिफारिशों को शामिल करने के बाद संशोधित विधेयक पेश किया, जिसने पिछले साल अगस्त में पेश किए गए कानून की जांच की। विधेयक का उद्देश्य पिछले अधिनियम की कमियों को दूर करना, वक्फ बोर्डों की कार्यकुशलता बढ़ाना, पंजीकरण प्रक्रिया में सुधार करना तथा वक्फ रिकॉर्ड के प्रबंधन में प्रौद्योगिकी की भूमिका बढ़ाना है।

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