Jhumka Dam: कई दशकों से प्रदूषित था जलाशय का पानी, जल्द फिल्टर करा पिलाने की तैयारी

Jhumka Dam:

Jhumka Dam: जल जीवन मिशन के तहत नरकेली समूह जल प्रदाय योजना से बैकुंठपुर की 24 ग्राम पंचायतों में पेयजल आपूर्ति की तैयारी की जा रही है। 21 करोड़ रुपये की लागत से झुमका जलाशय के प्रदूषित पानी को पेयजल के रूप में उपयोग करने की योजना पर काम चल रहा है।

Jhumka Dam रायपुर।  बैकुंठपुर में दो-तीन दशक बाद झुमका जलाशय का पानी फिल्टर कर पीने के लिए उपयोग करने की तैयारी की जा रही है। नरकेली जल प्रदाय योजना, जल जीवन अमृत मिशन के तहत पाइप लाइन बिछाकर 24 ग्राम पंचायतों में इसकी सप्लाई की जाएगी। इसके लिए 21 करोड रुपए खर्च किए जायेंगे।

21 करोड़ की लागत से झुमका जलाशय परियोजना शुरू

जल जीवन मिशन के तहत नरकेली समूह जलप्रदाय योजना से बैकुंठपुर के आसपास 24 ग्राम पंचायतों में पेयजल आपूर्ति की तैयारी है। 21 करोड़ की लागत से प्रदूषित झुमका जलाशय के पानी को पेयजल के रूप में उपयोग करने योजना पर काम चल रहा है। एक साल बाद के मध्यम सिचाई परियोजना झुमका जलाशय से दिसंबर 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण को 55 लीटर शुद्ध पीने का पानी मिलेगा। योजनांतर्गत नरकेली में प्रोजेक्ट निर्माण होगा। जिसमें पानी को फिल्टर कर स्टोरेज करने 2.0 MLD क्षमता का संयंत्र स्थापित किया जाएगा। वहीं संयंत्र से 24 पंचायतों तक शुद्ध जल आपूर्ति करने पाइप लाइन बिछाई जाएगी और गांवों में पानी की टंकियाें का निर्माण होगा।

इस योजना से कुल 24 पंचायतों को पेयजल आपूर्ति होगी

गौरतलब हो कि झुमका जलाशय प्रदूषित होने के कारण साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड (SECAL) ने इसका उपयोग बंद कर दिया। जबकि कंपनी पहले इसका पानी पीने के लिए और निस्तारी के लिए करती थी। बहरहाल, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग कोरिया के ई ई सी. वी. सिंह कहना है कि नरकेली समूह जलप्रदाय योजना से कुल 24 पंचायतों को पेयजल आपूर्ति होगी।

झुमका जलाशय की सफाई कर उसे पीने योग्य बनाने की परियोजना शुरू

इस योजना पर 21 करोड़ खर्च होगा। फ्लोटिंग पैंटून से पानी लेने की योजना है। नहर व इंटरवेल से पानी नही लिया जाएगा। जलाशय का पानी साफ हो गया है। पानी का ट्रीटमेंट करने के बाद पेयजल के रूप में उपयोग किया जाएगा। उधर जल संसाधन विभाग कोरिया के ई ई ए टोप्पो का कहना है कि झुमका जलाशय का पानी प्रदूषित है। जलाशय में किसी प्रकार की दवाई डालकर शुद्ध नही कर सकते हैं। प्राकृतिक रूप से बारिश का पानी कई बार ओवर फ्लो होने से साफ होने की गुंजाइश है। जब तक चरचा कॅालरी कॉलोनी का गंदा पानी झुमका जलाशय में मिलने से नही रुकेगा, तब तक जलाशय साफ होना मुश्किल है। बताया जा रहा है कि मनेन्द्रगढ़, चिरमिरी, भरतपुर संयुक्त जिले का सबसे बड़ा जल स्त्रोत झुमका जलाशय है, जो 350 हेक्टेयर में फैला हुआ है। पहले SECL बैकुंठपुर चरचा में पानी का उपयोग करते थे। लेकिन SECL चरचा कॉलरी का गंदा पानी झुमका जलाशय में मिलने से जलाशय दूषित हो चुका है। जिसके बाद SECL में पानी झुमका के बजाय गंज जलाशय से पीने-निस्तारी पानी की आपूर्ति होती है।

(लेखक डा. विजय)

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