Jagannath Rath Yatra: जगन्नाथ यात्रा के दौरान हुआ बड़ा हादसा, भगवान बलभद्र की मूर्ति गिरने से 8 लोग हुए घायल

Jagannath Rath Yatra: ओडिशा के पुरी में मंगलवार को भगवान जगन्नाथ यात्रा के दौरान एक हादसा हुआ। भगवान बलभद्र की मूर्ति सेवकों पर गिरने से आठ लोग घायल हो गए।
Jagannath Rath Yatra रायपुर। ओडिशा के पुरी में मंगलवार को भगवान जगन्नाथ यात्रा के दौरान एक हादसा हुआ। भगवान बलभद्र की मूर्ति सेवकों पर गिरने से आठ लोग घायल हो गए। हादसा उस समय हुआ जब यात्रा के बाद भगवान बलभद्र की मूर्तियों को रथ से उतारकर गुंडिचा मंदिर के अडापा मंडपम ले जाया जा रहा था।
ओडिशा के पुरी की प्रसिद्ध जगन्नाथ रथ यात्रा में एक बार फिर बड़ा हादसा हुआ है. पहली बार ऐसा देखने को मिला है कि पहंडी के दौरान भगवान बलभद्र गिर गए। इस दौरान आठ सेवायत घायल हो गए। घायल सेवायतों को तुरंत अस्पताल ले जाया गया। इनमें से पांच सेवायतों को गंभीर चोटें आईं। इनके नाम विनय दास महापात्र, नूतन दास महापात्र, अजय दास महापात्र, बाबूनी दास महापात्र और राम कुमार दास महापात्र है. इस घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें भगवान बलभद्र रथ से गिरते हुए दिखाई दे रहे हैं.
पुरी के कलेक्टर सिद्धार्थ शंकर स्वैन ने दी जानकारी
पुरी के कलेक्टर सिद्धार्थ शंकर स्वैन ने बताया कि आठ घायलों में से पांच को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि अन्य तीन को मामूली चोटें आई हैं। उन्होंने बताया कि यह हादसा उस समय हुआ जब भगवान बलभद्र के रथ से भारी कन्या मूर्ति को गुंडिचा मंदिर ले जाने के लिए उतारा जा रहा था। तभी सेवकों ने नियंत्रण खो दिया और मूर्ति नीचे गिर गई। जिसके नीचे कुछ लोग दब गए। हालांकि, तुरंत ही अन्य लोगों ने मूर्ति को उठा लिया। जिससे ज्यादा लोग घायल नहीं हुए।
सीएम मोहन चारण ने जताई चिंता
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने घटना पर चिंता व्यक्त की और कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन को तत्काल पुरी जाकर उचित कदम उठाने का निर्देश दिया। पुरी जगन्नाथ मंदिर राज्य सरकार के कानून विभाग के अधीन है। मुख्यमंत्री ने घायल सेवकों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
यात्रा में लाखों श्रद्धालु शामिल हुए
पुरी में 53 साल बाद भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा दो दिन की हो रही है। 1971 से यह रथ यात्रा एक दिन की हो रही थी। इस साल इसे दो दिन का कर दिया गया है। हर साल होने वाली इस रथ यात्रा में हमेशा बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं। मान्यता है कि इस रथ यात्रा में भाग लेने से 100 यज्ञ करने के बराबर पुण्य मिलता है। इसलिए लाखों श्रद्धालु इस यात्रा में भाग लेते हैं।