Chhattisgarh Assembly Election 2023 : छोटे-मोटे दलों को भाजपा,कांग्रेस से अपेक्षित नेता नहीं मिले निराशा

Chhattisgarh Assembly Election 2023 :
Chhattisgarh Assembly Election 2023 : गठबंधन न बनाना भारी पड़ा
Chhattisgarh Assembly Election 2023 : विधानसभा चुनाव हेतु कांग्रेस के 83 व भाजपा के 86 उम्मीदवार घोषित हो चुके हैं। Chhattisgarh Assembly Election 2023 परन्तु छोटी-मंझोली पार्टियों में आधी-अधूरी सीटों पर ही खिचड़ी स्वरूप घोषणा की गई हैं। चर्चा है कि इन्हें सही प्रत्याशी नहीं मिल पा रहें हैं। लिहाजा उनमें निराशा हैं। गठबंधन न बनाना भरी पड़ा हैं।
छत्तीसगढ़ में आदर्श चुनाव आचार संहिता लगने के पूर्व बड़ी चर्चा थी। कि कांग्रेस-भाजपा जब अपने प्रत्याशियों की सूची जारी करेगी। तो बड़ा बवाल मचेगा। बड़ी संख्या में दोनों पार्टी के चूके दावेदार छोटी-मंझोली पार्टियों का दामन थाम वहां से चुनाव लड़ सकते हैं। ऐसा तब स्वाभाविक लग रहा था। परन्तु कयास धरे रह गए हैं। दोनों प्रमुख दलों ने जो अपेक्षा कर रखी थी। उसकी तुलना में 5-10 प्रतिशत भी चूके दावेदार नहीं आए। अब छोटी- मोटी, मंझोली पार्टियां सिर धुन रही हैं।
पहले चरण हेतु नामांकन की तिथि समाप्त हो रही है। तो दूसरे चरण की शुरू दोनों दलों से उपेक्षित नेताओं के टूट कर नहीं आने से छोटे-मोटे, मंझोले दलों ने टिकट वितरण शुरू कर दिया। पर खिचड़ी की तरह। किसी ने 15-18 किसी ने 20-30 किसी ने 30-35 उम्मीदवार घोषित किए। कहा जा रहा है कि इन्हें अब भी उम्मीद है कि दोनों दलों से रूठे नेता आयेंगे।
पर राजनैतिक विश्लेषकों का कहना है कि छोटे-मोटे दलों में जाकर चूके दावेदार अपनी रही-सही पूछ-परख सम्मान नहीं गवांना चाहते। या कि गुमनामी में नहीं जाना चाहते। बतौर विश्लेषकों में अगर यही दर्जन भर छोटी-मोटी पार्टियों गठबंधन बनाकर चुनाव लड़ती तो उन्हें प्रत्याशियों का टोटा नहीं पड़ता। इतना ही नहीं गठबंधन बनता तो दोनों प्रमुख दलों में से कुल जमा 15-20 या 25-30 नेता जरूर पहुंच जाते। वे गठबंधन से चुनाव लड़ते तो संभावना रहने के साथ अपना सम्मान भी बरकरार रख सकते थे। जनता के बीच’ खड़ा हो सकते थे। पर अलग-अलग चुनाव लड़ रही छोटी पार्टियां को शायद यह समझ में नहीं आया। और अब ये छोटी-मोटी पार्टियां प्रत्याशी खड़ाकर रही हैं। गठबंधन होने से राज्य के मतदाताओं के समक्ष अच्छा संकेत जाता। गठबंधन से चुनाव लड़ने वाला प्रत्याशी एक आत्मविश्वास के साथ लड़ता। पर खेद ! छोटे दल अपनी अकड़ में।
(लेखक डॉ. विजय)