Parliament: आपातकाल शाह आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की तैयारी में सरकार,सदन में उठा मुद्दा

Parliament: पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल लागू करने की तिथि 25 जून को संविधान हत्या दिवस घोषित करने के बाद अब सरकार आपातकाल की जांच के लिए जनता सरकार में गठित शाह आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की तैयारी कर रही है।
Parliament रायपुर। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आपात लगाने की तारीख 25 जून को संविधान हत्या दिवस घोषित करने के बाद अब सरकार आपातकाल की जांच के लिए जनता सरकार में गठित शाह आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की तैयारी कर रही है।
माना जा रहा है कि यह रणनीति हालिया संपन्न आम चुनाव 2024 में कांग्रेस की अगवाई में विपक्ष के संविधान खत्म करने की धारणा को ध्वस्त करने के साथ कांग्रेस के सहयोगियों को बैकफुट पर धकेलने की है। आपातकाल के दौरान जेल में रहे जदयू के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक सन 1980 में सत्ता परिवर्तन बाद आई इंदिरा सरकार ने रिपोर्ट को नष्ट कर दिया था। हालांकि,इसकी एक प्रति ऑस्ट्रेलिया के एक पुस्तकालय में थी। इस रिपोर्ट की प्रति लाई गई है, जिसे सार्वजनिक किए जाने की चर्चा है।रिपोर्ट को सार्वजनिक करने पर विमर्श अब अंतिम दौर में है। राज्यसभा में सभापति जगदीश धनगढ़ ने भी शुक्रवार को भाजपा सांसद प्रकाश को इस बारे में आश्वासन दिया है।
रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग पर धनगढ़ ने कहा है कि लोकतंत्र के सबसे काले अध्याय आपातकाल को लेकर बनाए गए आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की संभावनाओं पर सरकार विचार करेगी। भाजपा सांसद ने कहा, मोरारजी देसाई सरकार ने सन 1977 में शाह आयोग बनाया और 100 बैठकों व 48000 दस्तावेजों की जांच की बाद 6 अगस्त 1978 को आयोग ने अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंपी। इस रिपोर्ट में तीन खंड में प्रकाशित किया गया। गठित इस आयोग ने तीन अंतरिम रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी। बताया जा रहा है कि आपातकाल पीड़ितों का एक प्रतिनिधि मंडल जल्द ही पीएम से मिलेगा।
(लेखक डा. विजय)