PoK में जारी हिंसा पर आया भारत का पहला बयान, MEA ने कहा- ये पाकिस्तान की दमनकारी नीतियों…

Pok में हिंसा और विरोध प्रदर्शन को लेकर भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि यह पाकिस्तान की दमनकारी नीतियों का नतीजा है। पाकिस्तान को मानवाधिकार उल्लंघनों का जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।
पाकिस्तान के गैरकानूनी कब्जे वाले कश्मीर (PoK) विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है। आजादी की मांग कर रहे लोगों पर पाकिस्तानी फौज ने अंधाधुंध फायरिंग की जिसमें अब तक दर्जनों लोगों की मौत हो चुकी है और बड़ी संख्या में लोग घायल भी हैं। PoK के अलग-अलग इलाकों से लोगों का हुजूम मुजफ्फराबाद पहुंचने के लिए लॉन्ग मार्च पर निकला है। पाकिस्तानी सरकार किसी कीमत पर लोगों को मुजफ्फराबाद पहुंचने से रोकना चाहती है। अब इस पूरे मामले पर भारत सरकार के विदेश मंत्रालय का बयान भी सामने आ गया है। आइए जानते हैं कि सरकार ने इस मुद्दे पर क्या कहा है।
भारत सरकार ने क्या कहा?
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में हिंसा और प्रदर्शन पर भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा- “हमने पाकिस्तान अधिकृत जम्मू और कश्मीर के कई इलाकों में विरोध प्रदर्शनों की खबरें देखी हैं, जिनमें पाकिस्तानी सेना द्वारा निर्दोष नागरिकों पर की गई बर्बरता भी शामिल है। हमारा मानना है कि यह पाकिस्तान के दमनकारी रवैये और इन इलाकों से संसाधनों की व्यवस्थित लूट का स्वाभाविक परिणाम है, जो उसके जबरन और अवैध कब्जे में हैं। पाकिस्तान को उसके भयावह मानवाधिकार उल्लंघनों के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।”
बिश्नोई गैंग पर आया बयान
हाल ही में कनाडा में लॉरेंस बिश्नोई गैंग को आतंकी संगठन घोषित कर दिया गया है। इस मुद्दे से जुड़े सवाल पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा- “NSA ने 18 सितंबर 2025 को नई दिल्ली में कनाडा की राष्ट्रीय सुरक्षा और खुफिया सलाहकार नथाली ड्रोइन से मुलाकात की। उन्होंने आतंकवाद, अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध से निपटने और खुफिया सूचनाओं के आदान-प्रदान जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने पर चर्चा की। वे सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने और मौजूदा संपर्क तंत्र को और मजबूत करने पर सहमत हुए। दोनों पक्ष इन सभी मुद्दों पर संपर्क में हैं।”