ब्रिटेन में भारतीय रेस्तरां पर ताबड़तोड़ छापे, ट्रंप स्टाइल में हो रहा अवैध प्रवासियों पर एक्शन
UK Targets Indian Restaurants: ब्रिटेन की लेबर सरकार ने अवैध प्रवासियों के खिलाफ बड़ा अभियान छेड़ दिया है। खास कर भारतीय रेस्टाेरेंट और छोटे दुकानों को निशाना बनाया जा रहा है।जानें पूरा मामला।
UK Targets Indian Restaurants: ब्रिटेन में लेबर सरकार ने अवैध प्रवासियों के खिलाफ बड़ा अभियान छेड़ दिया है। खास कर भारतीय रेस्टाेरेंट और छोटे दुकानों को निशाना बनाया जा रहा है। ट्रंप स्टाइल में अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई की जा रही है। देशभर में 828 स्थानों पर छापेमारी की गई, जिसमें भारतीय रेस्तरां, नेल बार, किराना स्टोर और कार वॉश जैसे भारतीय। इस अभियान के तहत 609 प्रवासियों को गिरफ्तार किया गया है। जो पिछले वर्ष की तुलना में 73% अधिक है। ब्रिटिश गृह मंत्री यवेट कूपर खुद इस अभियान की निगरानी कर रही हैं। सरकार का कहना है कि अवैध प्रवासियों को रोकने के लिए यह अभियान बेहद जरूरी है। इससे ब्रिटेन में गैरकानूनी ढंग से रह रहे दूसरे देश्कों के लोगों की संख्या में भारी कमी आएगी।
भारतीय रेस्तरां पर छापेमारी, कई गिरफ्तार
ब्रिटिश सरकार का कहना है कि अवैध प्रवासियों को रोजगार देने वाले कारोबारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। बीते महीने एक भारतीय रेस्तरां में छापेमारी के दौरान सात लोगों को हिरासत में लिया गया, जिनमें से चार को तुरंत डिटेंशन सेंटर भेज दिया गया है। अफसरों के मुताबिक भारतीय रेस्टोरेंट, कैफे और टेकअवे स्टॉल अवैध प्रवासियों को नौकरी देने वाले प्रमुख स्थानों में शामिल हैं। इस अभियान के तहत 1,090 बिजनेस आउटलेट्स को नोटिस जारी किया गया है। दोषी पाए गए मालिकों पर प्रति अवैध कर्मचारी 60,000 पाउंड तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
गृह मंत्री ने कहा- अवैध प्रवासियों को संरक्षण नहीं मिलेगा
गृह मंत्री यवेट कूपर ने इस छापेमारी अभियान को लेकर कहा कि ब्रिटेन में अवैध प्रवास को रोकने के लिए यह सख्त कदम उठाया गया है। उन्होंने कहा, *”हमारे इमिग्रेशन नियमों का पालन किया जाना चाहिए। वर्षों तक अवैध प्रवासियों को रोजगार देने वाले नियोक्ता बेखौफ थे, लेकिन अब यह बंद होगा।”* उन्होंने कहा कि अवैध प्रवासियों को काम मिलने से अन्य लोग भी अवैध रूप से ब्रिटेन आने की कोशिश करते हैं, जिससे मानव तस्करी और शोषण जैसी समस्याएं बढ़ती हैं।
डिपोर्टेशन की लाइव फुटेज से बढ़ा विवाद
प्रधानमंत्री कीर स्टारमर की सरकार ने इस अभियान को असरदार बनाने के लिए ‘शो, नॉट टेल’ रणनीति अपनाई है। सरकार ने पहली बार प्रवासियों के डिर्पोटेशन की लाइव फुटेज जारी की है, जिसमें लोगों को हाथों में हथकड़ी पहनाकर प्लेन में चढ़ते हुए दिखाया गया है। सरकार का कहना है कि इस कदम का मकसद अवैध प्रवासियों को साफ संदेश देना है कि ब्रिटेन में अवैध रूप से रहना अब आसान नहीं होगा। सरकार का दावा है कि अब तक 19,000 अवैध प्रवासियों और विदेशी अपराधियों को देश निकाला दिया जा चुका है।
अवैध प्रवासियों की गिरफ्तारी में 38% की बढ़ोतरी
ब्रिटिश गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई 2023 से जनवरी 2024 के बीच अवैध रूप से काम कर रहे लोगों की धरपकड़ में 38% की वृद्धि हुई है। पिछले साल इसी अवधि में जितने लोगों को गिरफ्तार किया गया था, उसकी तुलना में इस साल यह संख्या कहीं ज्यादा है। गृह मंत्रालय का कहना है कि जिन प्रवासियों को गिरफ्तार किया जा रहा है, उनमें से कई का आपराधिक रिकॉर्ड है, जिनमें नशीले पदार्थों की तस्करी, चोरी, बलात्कार और हत्या जैसे गंभीर अपराध शामिल हैं।
नए इमिग्रेशन कानून पर विपक्ष का विरोध
ब्रिटेन की संसद में इस सप्ताह बॉर्डर सिक्योरिटी, असाइलम और इमिग्रेशन बिल पर चर्चा होगी। इस कानून का मकसद अवैध प्रवासियों को ब्रिटेन में घुसने से रोकना और मानव तस्करी करने वाले गिरोहों पर शिकंजा कसना है। सरकार का कहना है कि इस बिल के जरिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों को ज्यादा अधिकार मिलेंगे, जिससे वह प्रवासियों के मोबाइल फोन तक पहुंच बना सकेंगी और गिरफ्तार करने से पहले ही अपराधियों को ट्रैक कर सकेंगी। हालांकि, विपक्षी कंजरवेटिव पार्टी ने इस बिल को कमजोर बताते हुए कहा है कि यह अवैध प्रवास को पूरी तरह नहीं रोक पाएगा।
भारतीय प्रवासी कारोबारियों पर पड़ेगा असर
ब्रिटेन में भारतीय समुदाय के हजारों लोग छोटे व्यापारों से जुड़े हुए हैं, जिनमें रेस्तरां, ग्रॉसरी स्टोर और टेकअवे शॉप शामिल हैं। सरकार के इस कदम का सीधा असर भारतीय समुदाय पर पड़ सकता है। व्यवसायियों का कहना है कि ब्रिटेन में मजदूरों की भारी कमी है और अवैध प्रवासी कम वेतन में काम करने को तैयार रहते हैं, जिससे रेस्तरां और छोटे कारोबार चलते हैं। अगर यह नीति सख्ती से लागू हुई, तो कई कारोबार बंद होने की कगार पर पहुंच सकते हैं।