Nagastra-1 भारतीय सेना को मिला पहला स्वदेशी आत्मघाती ड्रोन, दुश्मन के घर में घुसकर मारेगा

Nagastra-1: भारतीय सेना को पहले स्वदेशी लॉयटरिंग म्यूनिश नागास्त्र -1 की आत्मघाती ड्रोन की पहली खेप मिल गई है। इसे नागपुर की सोलर इंडस्ट्रीज की इकोनॉमिक्स एक्सप्लोसिव लि. (ई ई एल ) ने बनाया है
Nagastra-1रायपुर। भारतीय सेना को पहले स्वदेशी लॉयटरिंग म्यूनिश नागास्त्र -1 की आत्मघाती ड्रोन की पहली खेप मिल गई है। इसे नागपुर की सोलर इंडस्ट्रीज की इकोनॉमिक्स एक्सप्लोसिव लि. (ई ई एल ) ने बनाया है। यह दुश्मन के घर में घुसकर हमला करने में सक्षम है।
ड्रोन को नागस्त्र-1 नाम दिया गया है, जिसकी रेंज 30 किमी तक है। इसका एडवांस वर्जन दो किलो से ज्यादा गोला-बारूद ले जाने में सक्षम है। इसका इस्तेमाल दुश्मनों के ट्रेनिंग कैंप, ठिकानों और लॉन्च पैड पर हमला करने के लिए किया जाएगा, ताकि सैनिकों का जोखिम कम से कम हो।
विशेष रूप का ड्रोन मिलने पर भारतीय सेना की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी। इसे पाकिस्तान व चीन जैसे देशों के बीहड़ इलाकों में संचालित किया जा सकता है। यह रडार को चकमा देने भी सक्षम है। रक्षा अधिकारियों ने बताया कि सेना ने 480 नागास्त्र निर्माण का ठेका दिया गया था। सेना को सौंपने से पहले ड्रोनों की जांच की गई है। इसके बाद कम्पनी ने सेना के आयुक्त डिपो को 120 ड्रोन की पहली खेप सौंप दी है।
नागास्त्र -1 दुश्मनों का काल है, इसे आत्मघाती ड्रोन नाम इसलिए दिया गया है, क्योंकि यह अपने लक्ष्य वाले क्षेत्र में तब तक मंडराता जब तक कि यह उसे खोज नही लेता। फिर यह लक्ष्य खुद को ब्लास्ट कर लेता है। नागास्त्र किसी हमले को नाकाम करने से भी सक्षम है इसे सफलतापूर्वक वापस भी उतारा जा सकता है। यह 4500 मीटर ऊंचाई पर उड़ान भरने में सक्षम है। लक्ष्य के दो मीटर दायरे में यह 2 किलो विस्फोटक के साथ उड़ान भरने में सक्षम है। इसका वजन 12 किलो है और या 2 किलो का विस्फोटक ले जा सकता है यह ड्रोन एक उड़ान में 60 मिनट तक हवा में रह सकता है। इसका इस्तेमाल दुश्मनों के ट्रेनिंग कैंप, ठिकानों और लॉन्च पैड पर हमला करने के लिए किया जाएगा।