पिछले मैच का नशा, श्रीलंका पर शिकंजा कसा- भारत को फाइनल टिकट मिला

घर में पीटा मेजबान
कोलंबो। एशिया कप में मेजबान श्रीलंका को मात देकर भारत फाइनल में प्रविष्ट कर गया है। कोलंबो में भारत की इस जीत के पीछे, पाक पर पिछले ही दिन हुए मैच में जबरदस्त विजय का नशा देखा गया। भारत ने शुरुआत अच्छी की ओर बल्लेबाजों ने उपयोगी पारियां खेल कर नींव रख दी थी।
श्रीलंका ओवर कॉन्फिडेंस का भी शिकार हुआ। जिसे दर्जन भर पिछले मैचों में विजय मिली थी। भारत का टॉस जीतना भी मायने रखा। उसने बल्लेबाजी चुनी। पिछले मैच जीतने हाथ सधे होने को अगले ही दिन फिर भुना लिया। नतीजन रोहित-शुभमन ने पहले ही विकेट के लिए 80 रन जोड़े। हालांकि शुभमन गिल 19 रन ही बना सके। पर कप्तान के साथ काम को अंजाम दे दिया। रोहित शर्मा शायद फार्म पा चुके हैं। जिन्होंने फिर से अर्धशतक बनाया। उन्होंने 53 रन ठोके। तो ईशान ने 33 और शर्दुल ने भी पिछले दिन के अनुभव सहारे 39 रन पीट डाले। अक्षर ने मौका भुनाया जिन्होंने 26 रन बनाए। इस तरह भारत 49 .01 ओवर में 213 रन बनाने में सफल रहा। हालांकि श्रीलंकाई बॉलर बेल्लालागे ने कसी हुई-मारक गेंदबाजी करते हुए महज 40 रन देकर 4 विकेट लिए। तो असलंका ने भी महज 18 रन पर 4 विकेट झटक लिए। दोनों ने भारत को बांधकर रखा। अगर भारत पर पिछले मैच का जोश नहीं रहता तो वह 200 रन नहीं बना पता।
जवाब में उतरी मेजबान श्रीलंका भूल गई कि भारत के कुलदीप का बड़ा हाथ पिछले दिन की उसकी विजय में था। मेंडिस महज 15 पर निपट गए। समरविक्रमा 17 पर लुढ़के, असलंका भी 22 रन ही बना सके हालांकि डिसिल्वा ने 41 रन बनाकर हाथ दिखाए। आलराउंडर गेंदबाज वेल्लालागे ने शानदार प्रदर्शन कर 46 गेंद में 42 रन ठोके। काफी जोर लगाया टीम के लिए। परन्तु यह प्रयास नाकाफी रहा पूरी टीम 41.3 ओवर में 172 रन पर ढेर हो गई।अन्यथा की स्थिति में शेष रह 9 ओवर में महज 41 रन घरेलू मैदान पर बनाया जा सकता था। पर कुलदीप ने 43 रन पर 4, बुमराह ने 30 पर 2 विकेट तड़का कर श्रीलंकाई सपने को तोड़ दिया। भारत अब सीधे फाइनल में प्रवेश कर गया है।
फाइनल में उसका मुकाबला पाक या श्रीलंका से ही होगा। स्वाभाविक है कि दोनों को सुपर-4 में पीटने वाला भारत एडवांटेज (लाभ) में है। पर ना भूले पाक जख्मी शेर साबित हो सकता है। तो श्रीलंका समुद्रीय घड़ियाल। भारत अति आत्मविश्वास में नहीं रहा तो खिताब जेब में डाल लेगा। जो फिलहाल श्रीलंका के पास है।
(लेखक डॉ. विजय)