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हैदराबाद टेस्ट मैच का तीसरा दिन, इंग्लैंड हार के करीब ..!

विशेषज्ञों का दावा है कि इंग्लैंड की बैजबॉल शैली भारत के खिलाफ काम नहीं करेगी

IND vs ENG Test Series : भारत-इंग्लैंड के मध्य हैदराबाद में खेले जा रहे पहले टेस्ट क्रिकेट के तीसरे ही दिन भारत के जीत के आसार बन चुके हैं। लग रहा है जैसे अब औपचारिकताएं पूरी होने शेष रह गई है। जो कल चौथे दिन में पूरी कर ली जाएगी।

क्रिकेट विशेषज्ञ टेस्ट शुरू होने के पूर्व अनुमान व्यक्त किया

जैसा कि क्रिकेट विशेषज्ञ टेस्ट शुरू होने के पूर्व अनुमान व्यक्त कर रहे थे। ठीक कुछ वैसा ही हो रहा है। बैजबॉल (आक्रमक क्रिकेट) शैली अपनाते हुए इंग्लैंड पहले ही दिन महज 246 रनों पर सिमट गया। अश्विन, जडेजा, अक्षर, बुमराह, सिराज ने शिकंजा कस दिया था। जवाब में भारत ने पहले ही दिन स्टंप उखड़ने तक एक विकेट खोकर 119 रन बनाकर स्थिति मजबूत कर ली थी।

भारत ने 7 विकेट गंवाकर 418 रन बना लिए

दूसरे दिन भारत ने महज 7 विकेट गंवाकर 418 रन बना लिए थे। तीसरे दिन 436 रनों पर भारत आउट हो गई। इंग्लैंड की ओर से रूट ने सर्वाधिक 4 विकेट हथियाएं। जबकि रेहान व टॉम ने दो-दो विकेट लिए।

विशेषज्ञों का दावा इंग्लैंड की बैजबॉल शैली भारत के विरुद्ध नहीं चलेगी

यशस्वी जायसवाल 80, रविंद्र जडेजा 87, राहुल ने 86 रनों की शानदार जुझारू पारी खेली। हालांकि तीनों एक तरह से शतक के करीब पहुंच आउट हुए। अय्यर 35, भरत 41, पटेल अक्षर ने 44 रन की उपयोगी पारियां खेल भारत को महत्वपूर्ण 190 रनों की बढ़त दिलाई। तीसरे दिन चाय के बाद इंग्लैंड 250 रन पर 5 विकेट खो चुका है। लीड उतार कर यानी 60 रन की बढ़त 5 विकेट के नुकसान के साथ अब शेष 5 विकेट 100-125 रन भी जोड़े तो 150 से 175 रन की चुनौती होगी। बुमराह ने 2, अश्विन व जडेजा ने 1-1 विकेट लिया है। देखना होगा कि भारत इंग्लैंड को कल चौथे दिन कब तक समेटती है।यह तय सा है कि इंग्लैंड को करारी मात मिलेगी। विशेषज्ञ कह भी रहे थे कि इंग्लैंड की बैजबॉल शैली भारत के विरुद्ध नहीं चलेगी। जो फिर सच साबित होने जा रही है। इन सबके बावजूद इंग्लैंड की दोनों पारी बताती है कि उसके बल्लेबाज अगर क्लासिकल क्रिकेट खेलते तो पहली पारी में 325 से 350 रन एवं दूसरी पारी में 300 के करीब बना- मैच को रोचक कर सकते थे। अय्यर, भरत, पटेल की उपयोगी पारी साबित करती है कि इंग्लैंड के बल्लेबाज इच्छा शक्ति दिखाते तो वर्तमान स्थिति नहीं आती।

(लेखक डा. विजय)

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