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हैदराबाद टेस्ट मैच में हार के बाद भारत का पलटवार हार के बाद जीत है ..

इंग्लैंड से हैदराबाद टेस्ट 28 रनों से हारने के बाद भारतीय टीम को लेकर हंगामा मचा हुआ है। जबकि सीरीज में अभी 4 टेस्ट मैच बाकी हैं।

IND vs ENG 2nd Visakhapatnam Test : हैदराबाद टेस्ट इंग्लैंड के हाथों 28 रन से गंवाने के बाद भारतीय टीम को लेकर हाय- तौबा मची हुई है। तब जबकि अभी 4 टेस्ट मैच श्रृंखला में बाकी है। खेल को खेल भावना के साथ लेकर उसका लुत्फ उठाना चाहिए न कि दिल दिमाग पर लेकर यह सोचकर मामला क्यूं नही खत्म कर दिया जाता कि इंग्लैंड के खिलाड़ी हैदराबाद टेस्ट की दूसरी पारी में हमसे ठीक उसी तरह बेहतर खेले जैसे हमारे खिलाड़ी पहली पारी में खेले थे। 19-20 का फर्क कोई बड़ा अंतर नहीं होता कि आसमां सिर पर उठा लो।

भारत पहला टेस्ट हारने के बाद 6 बार वापसी कर श्रंखला जीत चुका है-

आमतौर पर माना जाता है कि टेस्ट श्रृंखला में पिछड़कर वापसी करना आसान नही रहा है लेकिन असंभव भी नहीं है। बताया जा रहा है कि सन 1932 में टेस्ट शुरुआत बाद भारत पहला टेस्ट हारने के बाद 6 बार वापसी कर श्रंखला जीत चुका है। जिसमें से 2 बार उसने इंग्लैंड के खिलाफ यह उपलब्धि हासिल की है। सन 1972-73 की सीरीज में भारत में इंग्लैंड के खिलाफ खेलते हुए भारत पहला टेस्ट हार गया था। पर बाद के 2टेस्ट जीत कर अजीत वाडेकर के नेतृत्व में सीरीज 2-1 से अपने नाम कर ली थी। इसी तरह 2000- 2001 में सौरव गांगुली के नेतृत्व में पहला टेस्ट हारने के बाद भारत ने ऑस्ट्रेलिया से सीरीज 2-1 से जीत ली थी। इसी तरह विराट कोहली के नेतृत्व में 2020-21 में पहला टेस्ट गंवाने के बाद भारत ने इंग्लैंड से 2-1से सीरीज जीती थी। इतना ही नही विदेशी धरती पर भी भारत यह कमाल कर चुका है। सन 2015 में श्रीलंका के उसके घर पर 2-1 से 2016-17 और 2020-21 में ऑस्ट्रेलिया को उसकी ही सरजमी पर भारत ने पहला टेस्ट हारने की बाद क्रमशः 2-1 से मात दी थी। बताया जा रहा है कि टेस्ट क्रिकेट में अब तक 48 सीरीज ऐसी हुई है विभिन्न देशों के मध्य जब पहला या शुरुआती टेस्ट हारने के बाद, पिछड़ने वाली टीम (देश) ने वापसी कर श्रृंखला जीत ली है।

भारत ने हैदराबाद में तीन दिनों तक बढ़त बनाए रखी थी लेकिन चौथे दिन टेस्ट मैच हार गया-

हैदराबाद में पहले टेस्ट में भारत ने तीन दिन पकड़ बनाए रखी थी पर चौथे दिन उसके हाथ से टेस्ट निकल गया। जैसे भारत ने पहली पारी में अच्छी गेंदबाजी की फिर बल्लेबाजी भी। ठीक उसी तरह वापसी करते हुए इंग्लैंड ने दूसरी पारी में अच्छी बल्लेबाजी एवं गेंदबाजी करके टेस्ट जीत लिया। इसे खेल भावना के दृष्टिकोण से क्यों नही देखा जाता।अच्छे खिलाड़ी, अच्छे प्रशांसक को जो टीम अच्छा प्रदर्शन करती है। उसकी योग्यता आधार पर तारीफ करने में हर्ज क्या है। हैदराबाद टेस्ट वाकई वास्तविक (क्लासिकल) टेस्ट था। इससे वह जीवंत हुआ है। नही तो वन डे एवं ट्वंटी- 20 ने क्या हाल बना दिया है यह किसी से छिपा नहीं है।

भारतीय टीम अब चयन को लेकर असमंजस की स्थिति में है –

भारतीय टीम चयन को लेकर अब उहपोह वाली स्थिति पैदा की जा रही है। खिलाड़ी चोटिल नही होंगे तो क्या घर बैठे व्यक्ति चोटिल हो। राहुल, जेडजा चोटग्रस्त है लिहाजा दूसरा टेस्ट नही खेल पायेगे। विराट पहले से दो टेस्ट में अनुपस्थित है। उधर चेतन, पुजारा घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करते रहे हैं। उन्हें मौका क्यों नहीं दिया जा सकता। शमी को क्यों नही चलाया जा सकता। सरफराज को मौका कब देगे। अक्षर, कुलदीप, हार्दिक को क्यों नही खिला सकते है। अभी चार टेस्ट बाकी हैं। भारत उसमें से दो-तीन टेस्ट जीत जाए तो कतई आश्चर्य नही होना चाहिए। अगर इंग्लैंड ओर टेस्ट जीत जाए तो कोई पहाड़ नहीं टूट जाएगा। खेल में हार जीत लगी रहती है। इधर इंग्लैंड जीत रही थी ठीक उसी वक्त वेस्टइंडीज ने कंगारू टीम को उसके घर में महज 8 रन से हरा कर इतिहास रचा।

(लेखक डा. विजय)

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