कमरतोड़ महंगाई ने लोगों का बजट बिगाड़ा

आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैय्या
रायपुर। सावन माह में आम घरों का बजट बढ़ गया है। पेट्रोल-डीजल राशन सामग्रियों समेत सब्जी-भाजी के दामों ने कमर तोड़ रखी है, तो ऊपर से अब बच्चों का स्कूल-कॉलेज, प्रवेश शुल्क, ड्रेस, स्टेशनरी समेत सावन सोमवारी खर्च ने रही-सही कसर पूरी कर दी है।
गौरतलब हो कि पेट्रोल-डीजल के दाम डेढ़-दो वर्ष से जेब में आग लगाए हुए हैं, तो राशन सामग्रियों दाल- मसाला, तेल-आटा, चावल ने दोनों-तीनों जेब काट डाली है। छोटी-मोटी नौकरी, काम धंधा करके गुजर-बसर करने वालों की कमर महंगाई ने तोड़ रखी है। सरकार अपने कर्मचारियों को अच्छा खासा वेतन समेत केंद्र जैसा मंहगाई भत्ता दे रही हैं (गरीब जनता के सरकारी खजाने से बांट रही है) उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। अलबत्ता बैंक बैलेंस उनका लगातार बढ़ता जा रहा है। बावजूद धरना प्रदर्शन कर मगरमच्छी आंसू बहाते-दिखते हैं। रह गए आम आदमी जिनका भगवान ही मालिक है।
उपरोक्त महंगाई के साथ सावन मास का सोमवारी खर्चा अलग। बच्चों का स्कूल-कालेज खुल गया। लिहाजा प्रवेश शुल्क, ड्रेस शुल्क, स्टेशनरी पर खर्च।यानी घर का बजट आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैय्या वाली कहावत पर खरा बैठ रहा है। छाता- बरसाती समेत बरसाती जूता-चप्पल खर्च अलग। सब्जियों का दाम महीनों से रुलाए हुए है, थालियों से गायब है। मंहगाई ने गरीब आमजनों को टमाटर से परहेज बरतने को कहा है। नहीं तो आर्थिक रूप से तबीयत खराब हो जाएगी।