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Hyderabad : मानव तस्करी का भंडाफोड़, 16 बच्चों को कराया मुक्त

Hyderabad :

Hyderabad : तेलंगाना के राचकोंडा में जिस मानव तस्करी का भंडाफोड़ हुआ है, वह गिरोह अब तक 50 से ज्यादा बच्चों को बेच चुका है।

Hyderabad रायपुर। तेलंगाना के राचकोंडा में जिस मानव तस्करी का भंडाफोड़ हुआ है, वह गिरोह अब तक 50 से ज्यादा बच्चों को बेच चुका है। पुलिस बच्चों को खरीदने वालों पर भी कार्रवाई की तैयारी कर रही है, तो वह 16 बच्चों को बेचे जाने के पहले पुलिस ने बचा लिया है।

राचकोंडा पुलिस आयुक्त तरुण जोशी ने बताया है कि गिरोह ज्यादातर बच्चे दिल्ली, पुणे से खरीदकर तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में बेचते रहा है। आरोपियों से पूछताछ के आधार पर अब तक 16 बच्चों को बचाया गया है। जिनमें चार लड़के 12 लड़कियां हैं। बचाए गए बच्चों की उम्र महज 23 दिन से लेकर 2 वर्ष की है। इन मासूमों को उनके असली माता-पिता को सौंपने की तैयारी की जा रही है। पुलिस अब गैर कानूनी तरीके से बच्चों को खरीदने वालों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर रही है।

पुलिस ने आगे बताया है कि पुणे, दिल्ली, हैदराबाद से अब तक गिरोह के 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। दिल्ली में बच्चों की खरीद का काम किरण और प्रीति करती थी, जबकि पुणे में कन्हैया बच्चों को खरीदता था। इनसे पूछताछ तीन और नाम सामने आए हैं, जो अभी फरार है। उनकी गिरफ्तारी के लिए दिल्ली पुणे पुलिस से संपर्क किया गया है।

पुलिस ने आगे बताया है कि गिरफ्तार आरोपी शोभारानी सलीम और सपना से मिली जानकारी के आधार पर एक सिक्योरिटी गार्ड हरिहर चेतन बंडारी को गिरफ्तार किया गया। जो इस गिरोह का सरगना बताया जा रहा है। चेतन से पूछताछ के आधार पर पदमा बंडारी, सरोजा बालगम, शारदा मुड़ावत, मुमताज पठान, अनुराधा, जगन्नादम और ममता को गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस द्वारा पूछताछ में प्रीति और किरण ने बताया है कि दिल्ली में गरीब परिवारों की उन महिलाओं को निशाना बनाती थी, जिनके घर अनचाही संतान पैदा होती थी। फिर उन गरीब महिलाओं को झांसा दिया जाता था कि उनके बच्चे की बड़े घरों में बेहतर परवरिश होगा। साथ ही जिन अमीर परिवारों में आपका बच्चा दिया जाएगा वे जरूरत पड़ने पर भविष्य उनकी (माता-पिता) आर्थिक मदद कर सकते हैं। उधर राचकोंडा के पुलिस आयुक्त तरुण जोशी ने बताया कि 22 मई को मेडवेल जिले के मेडिपल्ली थाना की पुलिस को साई नामक एक व्यक्ति ने फोन कर सूचना दी कि उनके थाना क्षेत्र में परिजदीगुड़ा में स्वास्थ्य केंद्रके आसपास के एक गिरोह बच्ची को बेच रहा है। जिस पर पुलिस ने तत्काल एक्शन लेते हुए शोभारानी, सलीम ,सपना को पकड़ा। जिनकी पूछताछ बाद प्रीति, किरण को दिल्ली व कन्हैया को पुणे से उठाया गया। अभी तीन आरोपी फरार है। पूछताछ में सामने आया है कि बच्चों को सामान की तरह खरीदा और बेचा जाता था। उम्र, सेहत, रूप-रंग आधार बनता था। छोटे और बीमार बच्चों को 50 हजार, 1 से 2 वर्ष के स्वस्थ बच्चे को एक लाख से डेढ़ लाख पर बेचा और खरीदा जाता था।

(लेखक डा. विजय)

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