पश्चिम बंगाल के बीरभूम में होली पर भारी बवाल, सैंथिया में 17 मार्च तक के लिए इंटरनेट सस्पेंड

पश्चिम बंगाल के बीरभूम में हिंसा के बाद सुरक्षाबलों की तैनाती की कई है और सैंथिया में इंटरनेट सेवाएं 14 से 17 मार्च तक सस्पेंड कर दी गई हैं। बीजेपी ने होली पर किए गए हमलों को लेकर ममता सरकार पर सवाल उठाए हैं।
बीरभूम: पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में हाल ही में हुई हिंसा के बाद स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। हिंसा की घटनाओं के बाद पूरे इलाके में सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने 17 मार्च यानी कि सोमवार तक सैंथिया शहर के कई इलाकों में इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी हैं। इंटरनेट सेवाओं को 14 मार्च से ही निलंबित करने का आदेश जारी हो गया था। बता दें कि यह हिंसा सैंथिया शहर में होली के के दौरान हुई थी, जहां कथित तौर पर पत्थरबाजी की घटनाएं सामने आई थीं।
सैंथिया में क्यों सस्पेंड किया गया इंटरनेट
प्रशासन ने किसी भी तरह की अफवाह को फैलने से रोकने के लिए सैंथिया में इंटरनेट सेवाओं को निलंबित किया है। सरकार की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि दूरसंचार अधिनियम 2023 के तहत, किसी भी व्यक्ति या समूह द्वारा भेजे गए या प्राप्त किए गए संदेशों को, जो किसी खास विषय या वर्ग से संबंधित हैं, सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने और अपराधों को रोकने के लिए अस्थायी रूप से प्रसारित नहीं किया जाएगा। हालांकि आदेश में यह भी कहा गया है कि वाइस कॉल और SMS पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा।
17 मार्च की सुबह 8 बजे तक वैध रहेगा आदेश
आदेश के मुताबिक, जिन पंचायतों में इंटरनेट सेवा पर प्रतिबंध लगाया गया है उनमें सैंथिया, हटोरा, मठपालसा, हरिसरा, दरियापुर और फुलुर शामिल हैं। इसमें कहा गया है कि यह आदेश 14 मार्च से तत्काल प्रभाव से लागू होगा और 17 मार्च की सुबह 8 बजे तक वैध रहेगा। इस अवधि के दौरान अखबारों के प्रकाशन और प्रसार पर भी कोई रोक नहीं लगाई गई है ताकि सूचना के प्रसार में किसी तरह की बाधा न आए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीरभूम में पथराव की घटना के बाद प्रभावित इलाकों में पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है।
बीजेपी ने ममता सरकार पर साधा निशाना
बीरभूम में पथराव की घटना के बाद बीजेपी ने ममता सरकार पर निशाना साधा है। बीजेपी नेता अमित मालवीय ने X पर पोस्ट किया, ‘बीरभूम में होली मनाने पर हिंदुओं पर हमला! ममता बनर्जी के शासन में पश्चिम बंगाल बांग्लादेश जैसा होता जा रहा है। कल नानूर विधानसभा क्षेत्र के किरनाहर पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आने वाले अनईपुर गांव में डोल पूर्णिमा और होली के भव्य उत्सव के दौरान एक हिंसक हमला हुआ। इस हमले का नेतृत्व एक स्थानीय तृणमूल पंचायत सदस्य ने किया, जहां मुसलमानों ने “जय श्री राम” का नारा लगाने पर हिंदुओं को निशाना बनाया और यहां तक कि सवाल किया, “तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई यह नारा लगाने की?” (जैसा कि वीडियो में सुना जा सकता है)।’
‘पुलिस की मौजूदगी के बावजूद हमले बढ़ते गए’
मालवीय ने X पर अपनी पोस्ट में आगे लिखा, ‘चौंकाने वाली बात यह है कि पुलिस की मौजूदगी के बावजूद हमले बढ़ते गए और हिंसा को रोकने के बजाय, कानून लागू करने वाली एजेंसियों ने हमलावरों को बचाने का काम किया। घटना के वीडियो में हिंदुओं का दावा है कि पुलिस के मूकदर्शक बने रहने के दौरान उन पर हमला किया गया।’ उन्होंने सवाल किया कि ‘क्या गृह मंत्री ममता बनर्जी बता सकती हैं कि परीक्षाओं के दौरान इंटरनेट सेवाएं बंद करने का क्या औचित्य था? आखिर कौन गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल है?’