High Court Bilaspur: MBBS पर हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, शार्ट अटेंडेंस के चलते 65 परीक्षार्थियों की परीक्षा रदद्

High Court Bilaspur:
High Court Bilaspur: कक्षाओं में कम उपस्थिति के बावजूद नियम विरुद्ध परीक्षा देना 65MBBS छात्रों को महंगा पड़ गया। हाईकोर्ट ने परीक्षार्थियों की याचिका खारिज कर दी है।
High Court Bilaspur रायपुर। कक्षाओं में शार्ट अटेंडेंस होने के बावजूद नियम विरुध्द परीक्षा देना MBBS के 65 विद्यार्थियों को महंगा पड़ गया है। हाई कोर्ट ने परीक्षार्थियों की याचिका खारिज कर दी है। जिसके बाद कालेज ने परीक्षा को रदद् कर दिया है।
दरअसल, सरकारी मेडिकल कालेज जगदलपुर के फाइनल ईयर भाग 1 के 39 विद्यार्थी एवं रिम्स, रायपुर के फाइनल ईयर के भाग एक -दो के 26 विद्यार्थी इस तरह दोनों स्थानों के 65 विद्यार्थियों की दी जा चुकी परीक्षा रद्द कर दी गई है। यानी उन्हें फिर से परीक्षा देनी होगी। वह भी जब कक्षाओं में अटेंडेंस 75% कर लेंगे।
हाईकोर्ट ने परीक्षार्थियों की याचिका खारिज कर दी
हाई कोर्ट ने तमाम 65 विद्यार्थियों ने याचिका दायर की थी। जिस पर कोर्ट ने कहा है कि परीक्षा में बैठने के लिए नेशनल मेडिकल एवं हेल्थ साइंस विश्वविद्यालय के अनुसार 75 प्रतिशत हाजिरी कक्षाओं में अनिवार्य है। इस कारण दोनों कालेजों ने परीक्षा में बिठाने से इंकार कर दिया था। तब मामला राज भवन पहुंचा पर वहां कोई निर्णय नही हो पाया। राज भवन ने जरूर कहा था कि छात्र हित में कॉलेज डीन निर्णय ले। पर डीन ने नियमों का हवाला देते हुए कहा था कि इस मामला में कुछ नहीं किया जा सकता। विश्वविद्यालय के तात्कालीन कुलपति ने भी 75 प्रतिशत हाजिरी अनिवार्य बताया था। तब विद्यार्थी हाईकोर्ट चले गए। जहां अंतरिम राहत दी गई थी। इसमें कुछ छात्र परीक्षा में बैठे। पर हाईकोर्ट के अंतिम निर्णय बाद उनकी दी जा चुकी है परीक्षा रद्द हो गई है। वर्तमान कुलपति डा. पी के पात्रा ने भी कहा है कि हाईकोर्ट के निर्णय उपरांत छात्रों की परीक्षा स्वतः ही निरस्त हो गई है। छात्रों को अपने हाजिरी का ध्यान रखना चाहिए।
हाईकोर्ट ने दोनों कॉलेजों को फटकार लगाई
हाईकोर्ट ने हालांकि, मामले की सुनवाई के मध्य दोनों कालेजों को यह कहते हुए फटकार लगाई है कि समय रहते विद्यार्थियों को शार्ट अटेंडेंस की सूचना क्यों नही दी गई। नोटिस बोर्ड में क्यों नोटिस चस्पा नही किया गया ? हेल्थ साइंस विश्वविद्यालय को अटेंडेंस के मामले में सख्ती बरतने को कहा।