Wed. Jul 2nd, 2025

Punjab-Haryana High Court : हाई कोर्ट का अहम आदेश, संपन्न पत्नी नहीं कर सकती गुजारा भत्ते का दावा

Punjab-Haryana High Court :

Punjab-Haryana High Court : यह महत्वपूर्ण आदेश एक मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने जारी किया है। एक महिला चिकित्सक सन 2003 से अपने पति से आपसी समझौते के आधार पर तलाक लेकर वह अलग रह रही है।

Punjab-Haryana High Court रायपुर। यदि कोई महिला संपन्न और सुयोग्य है, तो वह अपने पति से गुजारा भत्ता का दवा नही कर सकती। यह कल्याणकारी व्यवस्था है,जो पति से अलग होने के बाद बेबस पत्नी को अभाव की स्थिति से बचाने के लिए और उसी के समान (पति के) जीवन यापन के लिए है।

यह महत्वपूर्ण आदेश एक मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने जारी किया है। दरअसल, एक महिला चिकित्सक सन 2003 से अपने पति से आपसी समझौते के आधार पर तलाक लेकर वह अलग रह रही है। जिसके साथ उसका दिव्यांग पुत्र भी रहता है।चिकित्सक महिला ने सन 2018 में फैमिली कोर्ट में मामला लगाकर गुजारा भत्ता मांगा था। जिस पर फैमिली कोर्ट ने 10 हजार रुपए मासिक तय किया था। पर उक्त फैसले के खिलाफ पति ने एडिशनल सेशन जज के समक्ष अपील की थी। जिस पर एडिशनल सेशन जज ने उक्त आदेश (गुजारा भत्ता) को खारिज कर दिया था।

तब प्रार्थी महिला हाईकोर्ट गई। उसने कहा था कि वह योग्य है एवं पेशे से चिकित्सक पर पुत्र के दिव्यांग होने से उसे (महिला) दिनभर उसकी (पुत्र) देखरेख करनी पड़ती है। लिहाजा, वह क्लीनिक नही जा पाती उसकी आय का कोई स्रोत नहीं है। हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि गुजारा भत्ता की व्यवस्था सामाजिक न्याय को बढ़ाने और आश्रित महिलाओं, बच्चों और माता-पिता की रक्षा के लिए है।

इस राशि यानी भत्ता राशि के निर्धारण के समय यह देखना जरूरी है कि क्या पति के पास पर्याप्त संसाधन है और क्या इनके उपलब्ध होने पर भी वह पत्नी का भरण-पोषण करने में लापरवाही या इंकार तो नही कर रहा। साथ ही यह भी देखना अनिवार्य है कि पत्नी अपना भरण -पोषण करने में असमर्थ है। वर्तमान मामले में ऐसा नही है कि याचिका (महिला चिकित्सक) के पास अपने और बच्चे के भरण-पोषण करने के लिए पर्याप्त संसाधन नही है।

(लेखक डा. विजय)

About The Author