2621 डीएलएड वालों को मिलेगी नौकरी, एक अप्रैल से पहले पूरी करनी होगी भर्ती प्रक्रिया

डीएलएड डिप्लोमाधारक सहायक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया 1 अप्रैल से पहले पूरी कर ली जाएगी।

बिलासपुर। डीएलएड डिप्लोमाधारक सहायक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया 1 अप्रैल से पहले पूरी कर ली जाएगी। हाईकोर्ट के निर्देशों के बावजूद स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा नियुक्ति प्रक्रिया में हो रही देरी को लेकर न्यायालय ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है। कोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर स्पष्ट निर्देश दिया है कि अगली सुनवाई से पहले नियुक्ति प्रक्रिया पूरी की जाए।

हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस अरविंद वर्मा ने राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कोर्ट ने राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव को 1 अप्रैल को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने का आदेश भी दिया है। ध्यान रहे कि छत्तीसगढ़ में प्राइमरी स्कूलों में डीएलएड शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने पहले से नियुक्त बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों को बर्खास्त करने का आदेश दिया था। इसके बाद हाई कोर्ट ने डीएलएड डिप्लोमाधारक शिक्षकों की नियुक्ति का निर्देश दिया था।

कल जारी हो सकती है पूरी लिस्ट
बीएड के आधार पर चयनित सहायक शिक्षकों की सेवाएं पिछले दिनों समाप्त की गई। इनके हटने के बाद जिन स्कूलों में पद खाली हैं, वहीं डीएलएड वालों की भर्ती होगी। इसके लिए 18 मार्च को शाला आबंटन की लिस्ट जारी होगी। इस लिस्ट के अनुसार अभ्यर्थियों का दस्तावेज सत्यापन 19 से 26 मार्च तक होगा। यह प्रक्रिया संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) आफिस में आयोजित की जाएगी।

शासन का तर्क स्वीकार नहीं
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि यदि राज्य सरकार समय पर आदेश का पालन नहीं करती है, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। दूसरी ओर राज्य सरकार ने अदालत को जानकारी दी कि प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों के 900 पद रिक्त हैं। कोर्ट ने शासन से रिक्त पदों की पूरी जानकारी के साथ रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।

जिले में जितनी सेवाएं समाप्त, उतनी नियुक्ति
इसमें शिक्षक भर्ती परीक्षा-2023 में शामिल हुए कुल 2621 डीएलएड अभ्यर्थियों को नौकरी मिलेगी। इस संबंध में लोक शिक्षण संचालनालय से सूचना जारी की गई है। पहले शिक्षक भर्ती के लिए ऑनलाइन काउंसिलिंग होती थी। यानी जिन अभ्यार्थियों के नाम मेरिट लिस्ट रहता था, वे स्कूल का विकल्प भरते थे। फिर स्कूल का विकल्प भरते थे। फिर इस लिस्ट के अनुसार स्कूलों का आबंटन होता था। लेकिन इस बार ऑनलाइन काउंसिलिंग नहीं हो रही है। जानकारी के मुताबिक जिन जिलों में जितनी संख्या में जिस संवर्ग यानी अनारक्षित, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों की सेवाएं समाप्त की गई है, उस जिले में उतनी ही संख्या में संवर्ग वार डीएलएड अभ्यर्थियों की नियुक्ति होगी।

 

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