बिलासपुर हाईकोर्ट : छत्तीसगढ़ जेलों में क्षमता से ज्यादा कैदी, हाई कोर्ट ने कहा- ओपन जेल खोलने पर विचार करे सरकार

बिलासपुर हाईकोर्ट :
बिलासपुर हाईकोर्ट: हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी ओपन जेल की व्यवस्था और सुधार को लेकर सरकार से जवाब मांगा गया है।
बिलासपुर हाईकोर्ट : छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट, बिलासपुर के डिवीजन बेंच ने राज्य के मुख्य सचिव को ओपन जेल व्यवस्था और अन्य सुधार पर शपथ पत्र के साथ जवाब प्रस्तुत करने निर्देशित किया है।
दरअसल, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में ओपन जेल की व्यवस्था और सुधार हेतु जवाब मांगा गया है। कोर्ट ने राज्य में स्थित विभिन्न जेलों से एकत्र किए गए आंकड़ों के आधार पर अपनेआप संज्ञान लेकर सुनवाई शुरू की है। जिसमें देखा गया कि 340 ऐसे कैदी हैं जिन्हें 20 साल से अधिक कारावास की सजा सुनाई गई है। सजा कम या माफ की उनकी अपील भी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है। ऐसी स्थिति में उक्त कैदियों को लंबे अरसे तक कारावास में रहना होगा। उन कैदियों की क्या दुर्दशा होगी इसे आसानी से समझा जा सकता है। इस मामले में जारी सुनवाई के बाद महाधिवक्ता बी एस ठाकुर की ओर से कहा गया वे रिकॉर्ड और एकत्र किए गए आंकड़ों का अध्ययन करेंगे। लिहाजा इस हेतु उन्हें 4 हफ्ते का समय चाहिए। जिसे हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया है।
बहरहाल देखना होगा कि हाईकोर्ट ने ओपन जेल की संभावना पर जो संज्ञान’ लिया है उस पर राज्य सरकार क्या कदम उठाती है। ओपन जेल में सजा भुगतने से कैदियों को दुर्दशा का सामना नही करना पड़ता। उनमें नकारात्मकता नही उपजती। लेकिन वे जीवन और समाज के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण लेकर सजा काटते हैं। सजा पूरी होने के बाद वे देश-प्रदेश की मूल धारा में शामिल हो जाते हैं।
राज्य सरकार की ओर से पेश महाधिवक्ता ने कहा कि वे एकत्र किए गए रिकॉर्ड और डेटा का अध्ययन करेंगे और उचित निर्देश लेने के लिए चार सप्ताह का समय मांगा।