सहकारी बैंक बिलासपुर में 106 करोड़ के घोटाले में चार्ज शीट पेश नहीं करने से हाईकोर्ट नाराज : ACB को दिया ये आदेश

देवेंद्र पांडेय, पूर्व अध्यक्ष, जिला सहकारी बैंक बिलासपुर

0 पूर्व अध्यक्ष देवेंद्र पांडे सहित कई अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की है शिकायत

बिलासपुर। जिला केंद्रीय सहकारी बैंक बिलासपुर में करोड़ों रुपए के घोटाले के उजागर होने के 12 साल बाद भी चार्जशीट दाखिल नहीं होने को लेकर दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनवाई की। कोर्ट ने इस पर नाराजगी जताते हुए ACB को जांच पूरी कर चार्जशीट पेश करने के लिए 60 दिन का समय दिया है।

जिला सहकारी बैंक से बतौर मार्केटिंग मैनेजर कार्य करते हुए बर्खास्त किये गए बिंदेश्वरी प्रसाद खरे ने सहकारी बैंक में 106 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाते हुए दस्तावेजों के साथ तत्कालीन अध्यक्ष देवेंद्र पांडे, बैंक के तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी बीएस बिसेन और अन्य के खिलाफ ACB/EOW के डीजीपी के समक्ष शिकायत की थी। प्रारंभिक जांच के बाद ACB ने 27 अगस्त 2011 को FIR दर्ज की थी।

एक दशक बाद लगाई गई धाराएं

इस मामले में जांच के 11 साल बाद 23 फरवरी 2022 को दोनों के खिलाफ आईपीसी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत धाराएं लगाई गई। इसके बावजूद अभी तक जांच पूरी नहीं की गई है। इसे लेकर खरे ने अधिवक्ता संजय कुमार अग्रवाल के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका लगाई। पूर्व की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव और ACB/EOW के एडीजीपी को शपथ पत्र दाखिल करने के लिए कहा था।

कोर्ट में शपथ पत्र प्रस्तुत करने के बाद चीफ जस्टिस रमेश चंद्र सिन्हा और जस्टिस रजनी दुबे की डिवीजन बेंच ने घोटाले की जांच 2 माह में पूरी कर सीआरपीसी की धारा 173 (2) के तहत संबंधित कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करने का निर्देश दिया है।

क्या है पूरा मामला..?

इस मामले में शिकायतकर्ता बिंदेश्वरी प्रसाद खरे जिला सहकारी बैंक बिलासपुर कभी असिस्टेंट इंजिनियर के पद पर नियुक्त हुए थे, जिसका मुख्य काम बैंक के अधीन होने वाले निर्माण कार्यो की मॉनिटरिंग करना था। मगर वर्मा की “तथाकथित काबिलियत” को देखते हुए इन्हें बैंक में मार्केटिंग मैनेजर बना दिया गया। इन्होने देवेंद्र पांडेय के अध्यक्षीय कार्यकाल में भी एक साल से ऊपर काम किया, मगर इनके ऊपर भ्रष्टाचार का आरोप लगा और जांच में साबित होने पर इन्हें बर्खास्त कर दिया गया। इसके बाद ही बिंदेश्वरी खरे ने देवेंद्र पांडेय और अन्य के खिलाफ करोड़ों रुपयों की गड़बड़ी की शिकायत की।

नौकरी और खरीदी में भ्रष्टाचार

भाजपा के शासनकाल में मंत्री रहे ननकी राम कंवर के कभी समर्थक देवेंद्र पांडेय को पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने जिला सहकारी बैंक बिलासपुर का अध्यक्ष नियुक्त किया था। इनके कार्यकाल में सर्वाधिक गड़बड़ियां हुईं। सैकड़ों लोगों की भर्तियां हुईं और एक-एक उम्मीदवार से लाखों रुपयों की उगाही की गई, वहीं सामग्रियों की केंद्रीय खरीदी करके करोड़ों रुपयों रुपयों के वारे-न्यारे किये गए। इन सबकी शिकायत बिंदेश्वरी प्रसाद खरे ने विधिवत ढंग से की।

106 कर्मी हो चुके हैं बर्खास्त

देवेंद्र पांडेय के द्वारा जिन लोगों की भर्ती की गई उनकी संख्या सैकड़ों में है। इनमे 106 समिति प्रबंधक भी शामिल थे, जिन्हे विभागीय जांच के बाद बर्खास्त कर दिया गया। मगर बाकी के खिलाफ जांच अभी लंबित है। बहरहाल हाई कोर्ट के आदेश के बाद मामले की जांच में तेजी आने की उम्मीद जताई जा रही है।

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