Thu. Jul 3rd, 2025

हेमंत सोरेन ने खुद को अरविन्द केजरीवाल से श्रेष्ठ साबित किया ..!

ईडी ने आखिरकार झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि, बुधवार देर रात ईडी ने 7 घंटे की पूछताछ के बाद उन्हें हिरासत में ले लिया।

हेमंत सोरेन : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आखिरकार जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि बुधवार देर रात 7 घंटे की पूछताछ बाद ईडी ने उन्हें हिरासत में लिया। फिर हिरासत में ही हेमंत राजभवन पहुंचे,जहां उन्होंने राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन को अपना इस्तीफा सौंप दिया। जिसे राज्यपाल ने तुरंत स्वीकार कर लिया। उनकी जगह परिवहन मंत्री चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री बनने दावा तत्काल पेश कर दिया है। देश के इतिहास में शायद पहला मामला है जब किसी सीएम ने हिरासत अवधि में राज भवन पहुंचकर इस्तीफा दिया है। इन सब बातों को एक तरफ रखते हुए अगर संवैधानिक तौर पर निष्पक्ष नजरिए से देखा जाए तो हेमंत सोरेन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से ज्यादा सभ्य और संविधान का सम्मान करने वाले साबित हुए हैं। भले थोड़ी देर से।

ईडी ने सीएम हेमंत सोरेन को तीन बार समन जारी किया था-

गौरतलब हो कि ईडी अरसे से झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के पीछे लगी थी। उन्हें दो-तीन बार समन जारी किया गया था। एक बार पूछताछ भी कर ली थी। पर आखिरी प्रक्रिया के पूर्व हेमंत करीब 40 घंटे गायब रहे फिर रांची में अवतरित हुए अपना इस्तीफा का मूड बनाया- पार्टी एवं समर्थक विधायकों की संयुक्त बैठक मुख्यमंत्री आवास पर ली। खुद अध्यक्षता की। एवं बात की स्थितियों के लिए अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को सीएम बनाने की पेशकश बैठक में की। दस्तावेज तैयार किए। यह दीगर बात है कि बाद की स्थितियां कुछ अनुकूल नहीं बैठने पर उनका दूसरा विकल्प परिवहन मंत्री, छह बार विधायक रह चुके अनुभवी राजनेता चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री पद हेतु दावा हेमंत के इस्तीफे देते ही पेश कर दिया है।संभव है राजयपाल उन्हें सरकार बनाने गुरुवार को आमंत्रित कर ले। अब दुसरे विषय पर थोड़ी चर्चा कर ली जाए। जिसमे एक सीएम और ईडी जुडी है।

प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक या दो बार नहीं बल्कि पांचवीं बार समन जारी किया है –

प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक दो बार नहीं पांचवी बार समन जारी किया है। पूछताछ हेतु पर खुद को पाक -साफ बताते नही अघाने वाले केजरीवाल जो संविधान के दुहाई देते रहते हैं। उल्टे ईडी को पूछते रहें है कि उनसे क्या-कुछ चर्चा-किन मुद्दों पर करनी है। पहले जवाब दें। खुद बड़े स्तर के अधिकारी रह चुके केजरीवाल दांव -पेंच थोड़ा ज्यादा जानते हैं। वे एक बार भी ईडी के आगे पेश नही हुए उल्टे अपने विधिक सलाहकारों को आगे कर टालमटोल करते रहें हैं। ये वही केजरीवाल हैं जो राज भवन दिल्ली में सारी रात धरना-प्रदर्शन करते हुए वही पड़ाव डाल दिया था। ये वही केजरीवाल हैं जिन्होंने अन्ना हजारे के नेतृत्व में सहारा लेकर निर्भया मामले में राष्ट्रपति भवन तक कई दिन घेराव किया था। जिनके दो-दो मंत्री महीनों से तिहाड़ जेल में है। जहां उन्हें वीआईपी सुविधा मिलने की खबरें बाहर आती रही है। तब केजरीवाल सवाल नहीं उठाते कि एक आरोपी को (भले मंत्री रहा हो) भला तिहाड़ में वीआईपी सुविधा क्यूंकर। हेमंत सोरेन ने आखिर संविधान का पालन कर,ईडी का फिलहाल सम्मान कर पूछताछ का सामना किया फिर गिरफ्तारी पूर्व इस्तीफा दे दिया। दिल्ली सीएम भला पूछताछ से कब से घबराने लगे। यह तो उनके व्यक्तित्व से एकदम अलग बात हो गई। या कि वे भी खांटी राजनीतिज्ञ बन गए हैं। फिलहाल हेमंत सोरेन ने उनसे (केजरीवाल) खुद को श्रेष्ठ साबित कर दिया है।

(लेखक डा. विजय)

About The Author