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हिमाचल प्रदेश के रामपुर में बादल फटने से भारी बारिश, राज्य की 496 सड़कें बंद

Himachal News:

हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में रुक-रुककर बारिश हो रही है। इस बीच शिमला जिले के रामपुर क्षेत्र में बादल फटने की वजह से अचानक बाढ़ आ गई।

हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में बृहस्पतिवार को रुक-रुक कर बारिश हुई, जबकि शिमला के रामपुर में बादल फटने से अचानक बाढ़ आ गई। अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि राज्य के कई हिस्सों में भूस्खलन के कारण तीन राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 496 सड़कें यातायात के लिये बंद कर दी गयी हैं । उन्होंने बताया कि शिमला जिले के रामपुर क्षेत्र के दर्शल में बुधवार देर रात बादल फटने से टेकलेच बाजार में अचानक बाढ़ आ गई, लेकिन किसी के हताहत होने की खबर नहीं है, क्योंकि खतरे को देखते हुए आसपास के घरों को खाली करा लिया गया था।

बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी

उन्होंने बताया कि भूस्खलन के बाद चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या – 21, पुराना हिंदुस्तान-तिब्बत मार्ग (राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या पांच) और औट-सैंज मार्ग (राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या- 305) समेत कुल 496 सड़कें यातायात के लिए बंद कर दी गईं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, बृहस्पतिवार को मंडी जिले में 278 सड़कें अवरुद्ध थीं, जबकि निकटवर्ती कुल्लू जिले में 118 सड़कें बंद थीं। मौसम विभाग ने बृहस्पतिवार को ऊना, कांगड़ा, मंडी, सोलन और सिरमौर जिलों में रविवार को और ऊना, बिलासपुर, कांगड़ा, कुल्लू और मंडी में सोमवार को अलग-अलग जगहों पर भारी से बहुत भारी बारिश का ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया। राज्य के कुछ हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश जारी रही।

अबतक 108 लोगों की मौत 

बुधवार शाम से नैना देवी में 92.6 मिमी बारिश हुई, इसके बाद रायपुर मैदान में 81.6 मिमी, पच्छाद में 75.1 मिमी, ओलिंडा में 67.7 मिमी, कांगड़ा में 62.5 मिमी, धर्मशाला में 42.5 मिमी, नाहन में 32.6 मिमी, कसौली में 32.5 मिमी और देहरा गोपीपुर में 31.4 मिमी बारिश हुई। इस मानसून में अब तक बारिश से जुड़ी घटनाओं में लगभग 108 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 36 लोग लापता हैं। एसईओसी ने बताया कि इसके अलावा, 1,120 ट्रांसफार्मर और 245 जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई हैं। हिमाचल प्रदेश में 20 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से प्रदेश को कुल 1,905 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। राज्य में अब तक 58 बार अचानक बाढ़, 28 बार बादल फटने और 51 बड़े भूस्खलन की घटनायें हो चुकी हैं।

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