Bilaspur High Court: हाईकोर्ट ने रेलवे से पूछा, मालगाड़ियां दौड़ सकती है तो यात्री ट्रेनें क्यों नहीं ?

Bilaspur High Court:

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Bilaspur High Court: यात्री ट्रेनों के बार-बार रदद् होने पर बिलासपुर हाईकोर्ट ने रेलवे से पूछा है कि जिस ट्रैक पर यात्री ट्रेनें लगातार रदद् हो रही हैं, उसी ट्रैक पर मालगाड़ियां कैसे चलाई जा रही हैं।

Bilaspur High Court: यात्री ट्रेनों के बार-बार रदद् होने से हो रही परेशानियों को लेकर हाईकोर्ट में ततसंदर्भ में लगाई गई जनहित याचिका पर संज्ञान लेते हुए अदालत ने केंद्र सरकार से पूछा है कि उसी ट्रैक पर मालगाड़ियां कैसे चलाई जा रही हैं, जिन पर से यात्री ट्रेनें लगातार रदद् की जा रही है। अदालत की इस कड़ी टिप्पणी का कोई समुचित जवाब केंद्र के वकील नही दे पाए हैं। कल 21 मार्च को फिर इस मामले पर सुनवाई होगी।

हाईकोर्ट में जनहित याचिका पर सुनवाई

गौरतलब हो कि यात्री ट्रेन के बार-बार लगातार या रुक-रुककर रदद् होने का क्रम पिछले 6 माह से जारी है। इस संदर्भ में केंद्र सरकार ने पूर्व में जैसा कि कहा था या बताया था कि रेलवे ट्रैक का आधुनिक विकास हो रहा है साथ ही दीगर काम चल रहे हैं। बाद में ट्रेने इसी ट्रैक पर 100 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ने लगेगी। बहरहाल लगातार यात्री ट्रेनों के रद्द होने से क्षुब्ध (दुःखी) कमल दुबे ने इस संदर्भ में एक जनहित याचिका हाईकोर्ट में दाखिल की थी। जिसे संज्ञान में लेकर मंजूरी अदालत ने दी थी, जिस पर सुनवाई शुरू हुई, तो याचिकाकर्त्ता ने बताया कि दक्षिण-मध्य पूर्व रेलवे के अंतर्गत गाड़ियां लगातार रदद् की जा रही हैं। अचानक पता चलने से यात्रियों को यात्रा रदद् करनी पड़ रही है। जरूरी कार्य होने पर मुश्किल हो जाती है,या फिर बीच रास्ते ट्रेनें स्पेंड (निलंबित) कर देने से या यात्रा मार्ग अचानक बदल देने से बेहद परेशानी हो रही है। लंबे अरसे से रेलवे के इस तरह का व्यवहार कर रहा है। समस्या निवारण पर कोई ध्यान नही दिया जा रहा है। दूसरी ओर मालगाड़िया उसी रूट पर दौड़ाई जा रही हैं। चीफ जस्टिस और रविंद्र कुमार अग्रवाल की बेंच ने सुनवाई बाद मामले को गंभीरता से लेते हुए केंद्र शासन के वकील से कारण पूछा तो वकील ने कहा कि रेलवे ट्रैक का उन्नयन और अन्य काम चल रहे हैं। इसी कारण गाड़ियां रोकनी पड़ रही है, कोर्ट ने इस पर पूछा कि उसी ट्रैक पर मालगाड़ियां कैसे दौड़ाई(चलाई) जा रही है रेलवे की और इसका कोई समुचित जवाब नही दिया जा सका। कोर्ट ने इस संदर्भ में विस्तृत जवाब देने के निर्देश दिए हैं। उधर बताया जा रहा है कि पिछले माह भर में 34 यात्री ट्रेनें रदद् कर दी गई या परिवर्तित मार्ग से चलाई गई।

(लेखक डा. विजय )

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