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स्वास्थ्य मंत्री नड्डा ने संसद में पेश की ICMR रिपोर्ट: कहा- कोविड वैक्सीन नहीं, लाइफस्टाइल है अचानक मौतों की वजह

BJP President JP Nadda

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ICMR Research on Covid Vaccine: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने मंगलवार (11 दिसंबर) को संसद में कहा कि कोविड वैक्सीन और अचानक मौतों के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है।

ICMR Research on covid Vaccine:आईसीएमआर (ICMR) की नई रिसर्च ने उन अफवाहों को खारिज कर दिया है जो कोविड वैक्सीनेशन को अचानक मौतों का कारण बताती थीं। मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा (JP Nadda) ने संसद में जानकारी देते हुए कहा कि कोविड वैक्सीन (Covid Vaccination) और अचानक मौतों के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वैक्सीनेशन से मौतों का जोखिम बढ़ने के बजाय कम हुआ है। यह रिपोर्ट युवाओं और वयस्कों की स्वास्थ्य स्थिति को लेकर कई अहम बातें सामने रखती है।

रिसर्च में 19 राज्यों से लिए गए सैंपल
रिपोर्ट को आईसीएमआर और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी ने तैयार किया है। इसमें 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 47 अस्पतालों के डेटा का विश्लेषण किया गया। 18 से 45 साल के स्वस्थ व्यक्तियों के उन 729 मामलों का अध्ययन किया गया जिनकी अचानक मौत हो गई थी। इसके अलावा, 2916 सैंपल ऐसे थे जिन्हें हार्ट अटैक के बाद बचा लिया गया। रिसर्च से यह निष्कर्ष निकला कि कोविड वैक्सीन की एक या दो खुराक लेने से अचानक मौत की संभावना घट जाती है।

मौतों के पीछे ये वजहें आई सामने
अचानक मौतों के कारणों पर गौर करते हुए, रिसर्च में पांच मुख्य फैक्टर सामने आए। इनमें कोविड-19 अस्पताल में भर्ती रहने का इतिहास, परिवार में पहले से ऐसी मौतें होना, अत्यधिक शराब सेवन, नशीली दवाओं का उपयोग, और मौत से पहले ज्यादा शारीरिक गतिविधि (जैसे जिम में व्यायाम) शामिल हैं। इन कारणों को अचानक मौतों का प्रमुख कारक बताया गया है।

वैक्सीनेशन पर सरकार का भरोसा
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि सरकार वैक्सीनेशन के साइड इफेक्ट्स पर लगातार नजर रख रही है। ‘एडवर्स इवेंट फॉलोविंग इम्यूनाइजेशन’ (AEFI) नाम से एक मजबूत सर्विलांस सिस्टम तैयार किया गया है। वैक्सीनेशन केंद्रों पर एनाफिलेक्सिस किट और 30 मिनट का अनिवार्य निरीक्षण सुनिश्चित किया जाता है। इसके अलावा, जागरूकता बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया और राज्य सरकारों को दिशानिर्देश दिए गए हैं।

सुप्रीम कोर्ट में भी उठा था मामला
कोविड वैक्सीन के साइड इफेक्ट का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था। 14 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने ब्लड क्लॉटिंग जैसे आरोपों पर आधारित याचिकाओं को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने इसे “सिर्फ सनसनी फैलाने की कोशिश” बताया था। ब्रिटेन की कंपनी एस्ट्राजेनेका ने भी माना था कि दुर्लभ मामलों में वैक्सीन से साइड इफेक्ट हो सकते हैं, लेकिन यह बेहद असामान्य है।

वैक्सीनेशन पर लोगों का भरोसा बढ़ा
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के इस बयान के बाद वैक्सीनेशन को लेकर जनता में भरोसा बढ़ने की उम्मीद है। आईसीएमआर की रिसर्च ने यह साबित किया कि कोविड वैक्सीन न केवल सुरक्षित है, बल्कि इससे मौतों का जोखिम भी कम होता है। बता दें कि सरकार लगातार वैक्सीनेशन के फायदों को लेकर जागरूकता फैला रही है और इससे जुड़े सभी सवालों का जवाब भी दे रही है।

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