उधड़ती -के उखड़ती सड़कें- दुर्घटनाओं का अंदेशा

पैदल चलना दूभर हुआ
रायपुर। राजधानी के अंदर दर्जनों इलाकों में हाल ही में बनाई गई, सड़कें महज 2 दिन की बारिश बाद उधड़ने- उखड़ने लगी है। नतीजन गढडों की संख्या में इजाफा दर्ज किया जा रहा है।
गौरतलब हो कि कुछ माह पूर्व राजधानी के विभिन्न हिस्सों में सड़कों को दुरुस्त किया गया था। नई परत गिट्टी, कोलतार,बजरी मिक्स कर डाली गई थी। जिससे सड़के चिकनी-साफ-सुथरी दिखने लगी थी। इस बीच पाईप लाईन बिछाने तमाम सड़कों के दोनों साइड 2-2 फीट चौड़ी, सड़कों की पूरी लंबाई काटी गई थी। पाईप लाईन बिछाने के बाद रह गए गड्ढों में मिट्टी, मुरूम, गिट्टी आदि डालकर ऊपर बजरी -कोलतार (डामर) या सीमेंट तक की परत बिछाई गई थी। 2-3 अगस्त की रिमझिम बारिश दिन भर होते रहने से सड़कें उधड़ने, उखड़ने लगी है। गढ्डे में जो पैच वर्क हुआ था। वह भी छोड़ने लगा है। यानी पूर्ववत जस की तस वाली स्थिति हो गई है। जिन पर पैदल चलना चुनौती हैं। दुपहिया या चार पहिया वाहन तो हिचकौले खाते हुये रफ्तार पर चलाना पड़ रहा हैं।
जहां- जहां उपरोक्त स्थिति बनी है वहां चाहे चार चक्का वाहन हो या ऑटो रिक्शा अगर बैठकर जा रहें हो तो -जर्क लगेगा। कमर की मुफ्त में कसरत हो जाएगी। ऑपरेशन करावाया मरीज तो निकल नहीं सकता। टांके टूट जाएगे।
बहरहाल सड़कों की पुनः दुर्दशा ने कार्य की गुणवत्ता की पोल-खोल कर रख दी है। जो दावे किए जा रहे थे वह निर्मूल साबित हुए। अगर तेज बारिश में उक्त सड़कों पर पानी भर जाए तो तय मानिए हर सड़क पर लोग गिरने एवं दुर्घटना होने से हाथ-पैर टूटेगा- सिर फूटेगा। कार चालक अपनी लाखों की कार को बचाने वैकल्पिक मार्ग अपनाकर आ-जा रहें हैं। उन्हें अधिक दूरी तय करनी पड़ रही हैं। विशेषज्ञों एवं इंजीनियरों का कहना है कि सड़कों की स्थिति अत्यंत खराब हैं। इनमें अगर पेच वर्क किया गया हो आगे भी नुकसान होगा पूरी सड़क उखाड़ कर नए सिरे से काम करना होगा।