गुकेश ने वर्ल्ड नंबर-1 को दी मात, हार के बाद गुस्से में मैग्नस कार्लसन ने टेबल पर मारा घूंसा
Gukesh Beats Magnus Carlsen, Norway Chess 2025 Result: भारत के युवा ग्रैंडमास्टर और मौजूदा विश्व चैंपियन डी गुकेश ने नॉर्वे शतरंज टूर्नामेंट में इतिहास रच दिया। उन्होंने दिग्गज खिलाड़ी और पूर्व विश्व चैंपियन मैग्नस कार्लसन को उनके ही देश में हराकर बड़ी जीत दर्ज की।
तीसरे स्थान पर पहुंचे गुकेश
राउंड 6 से पहले, कार्लसन 9.5 अंकों के साथ शीर्ष पर थे, उसके बाद फैबियानो कारुआना 8 और हिकारू नाकामुरा 6.5 अंकों के साथ दूसरे स्थान पर थे। इस जीत के साथ 19 साल के गुकेश नॉर्वे शतरंज 2025 की पॉइंट्स टेबल में 8.5 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर पहुंच गए हैं, जबकि कार्लसन और अमेरिकी ग्रैंडमास्टर फाबियानो कारुआना 9.5 अंकों के साथ संयुक्त रूप से पहले स्थान पर हैं।
कार्लसन की एक गलती और गुकेश ने जीत लिया मुक़ाबला
एक वक्त ऐसा था जब लगा की कार्लसन इस मुक़ाबले को जीत लेंगे, वे लगातार गुकेश पर दवाब बना रहे थे। लेकिन गुकेश ने सैयान नहीं खोया और हार मानने से इनकार कर दिया। जब दोनों खिलाड़ी समय की किल्लत में थे, तब गुकेश ने कार्लसन पर अटैक किया और कार्लसन एक बड़ी गलती बैठे, जिससे उनका हारना तय हो गया।
जीत के बाद क्या बोले गुकेश
मैच के बाद गुकेश ने कहा, “मैं बहुत कुछ नहीं कर सकता था। मुझे बस इसका अधिकतम लाभ उठाना था। मैं ऐसे कदम उठा रहा था जो कार्लसन के लिए मुश्किल थे और सौभाग्य से चालें सही साबित हुईं। इस टूर्नामेंट से मैंने एक बात सीखी है कि समय से चाल चलने का दबाव आपको गलती करने पर मजबूर कर सकता है।”
गुकेश की जीत, कार्लसन का गुस्सा
गुकेश की यह जीत न केवल उनके करियर का बड़ा मोड़ है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय शतरंज में भारत की मजबूती का भी संकेत देती है। वहीं हार के बाद मैग्नस कार्लसन अपना आपा खो बैठे। उन्होंने गुस्से में अपने हाथ से जोर से मेज पर प्रहार किया, जिससे चेस बोर्ड हिल गया। यह पूरी घटना कैमरे में कैद हो गई और सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है।
भारत ने दूसरी बार रचा इतिहास
नॉर्वे चेस टूर्नामेंट में यह दूसरी बार है जब किसी युवा भारतीय खिलाड़ी ने क्लासिकल फॉर्मेट में विश्व चैंपियन मैग्नस कार्लसन को हराया है। पिछले साल आर. प्रग्गनानंदा ने इसी टूर्नामेंट में कार्लसन को मात दी थी। इस साल, मौजूदा विश्व चैंपियन डी गुकेश ने कार्लसन को शिकस्त दी।
खेल के दौरान कार्लसन ज्यादातर समय नियंत्रण में दिखे, लेकिन जैसे स्टावेंजर के अप्रत्याशित मौसम की तरह, सब कुछ अचानक पलट गया।

