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2 विषय में पूरक की पात्रता देकर भविष्य चौपट ना करें- रविवि

राजकीय विश्वविद्यालय गंभीर बने

रायपुर। प्रदेश को तमाम राजकीय विश्वविद्यालयों के वार्षिक परीक्षा नतीजों के खराब होने के चलते अब दुरस्तीकरण हेतु खानापूर्ति वास्ते फेल हुए विद्यार्थियों को 2 विषयों में पूरक पात्रता की व्यापक चर्चा है। गर ऐसा निर्णय होता है तो यह संबंधित विद्यार्थियों के भविष्य वास्ते कतई ठीक नहीं होगा।

चर्चा है कि 3 बरस तक घर बैठे ऑनलाइन परीक्षा बाद इस वर्ष 2023 में ऑफलाइन परीक्षा के चलते विद्यार्थी बड़ी संख्या में फेल हो गए कहा जा रहा है कि क्योंकि उनकी लिखने की प्रैक्टिस खत्म हो गई है। पर सच यह भी है कि 2023 वार्षिक परीक्षाओं में प्रविष्ट हुए ज्यादातर विद्यार्थी बिना पढ़े-लिखे सीधे परीक्षा केंद्र पहुंच गए। उन्होंने न तो ठीक ढंग से कक्षाएं अटैंड की न ही विषय वस्तु को समझा-बुझा यहां तक कि मासिक टेस्ट लायक तक तैयारी नहीं की।

घर बैठे 3 बरस पुस्तक, गाइड, की, कुंजी खोलकर परीक्षा देने, वाले भूल गए थे कि वे महाविद्यालयीन विद्यार्थी हैं नियमित या अनियमित जहां गहराई से पढ़ने-लिखने पर ही सफलता मिलती है। ऑनलाइन क्लास की वजह से ये विद्यार्थी महाविद्यालयीन पढ़ाई गंभीरता क्या होती है जान ही नहीं पाए। ग्रेजुएशन कर रहें बहुत से विद्यार्थी इसका महत्व-मतलब तक नहीं जानते। ऐसे विद्यार्थियों को अब यदि 2 की जगह 3 विषयों में भी पूरक पात्रता दे दी जाए तो आगे के लिए भविष्य खराब होगा। जिसका पता प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं या सार्वजनिक जीवन में उतरने के बाद लगेगा।

विद्यार्थियों का भले एक साल खराब जाए पर उन्हें इस बरस 2 विषय में पूरक न दें। अन्यथा भविष्य खराब होगा। ये नौकरी के लिए प्रतिस्पर्धा परीक्षा वास्ते संघर्ष नहीं कर पायेगे। न राजनैतिक नहीं शैक्षणिक-शैक्षणोत्तर दृष्टिकोण से गलत होगा। बावजूद जरूरी लगे तो इस वर्ष 2023 से नहीं बल्कि 2024 से 2 विषयों में पूरक पात्रता सिस्टम बना दें। पर फेल हो चुके विद्यार्थियों को कृपया इस बार छूट देकर उनका कैरियर चौपट न करें। उससे अच्छा है कि एक वर्ष खराब कर अगले वर्ष हेतु अभी से तैयारी करें। शिक्षाविदों से सलाह करें।

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