अंतिम सोम को भक्तों को शिवालयों में सैलाब
कांवर यात्री छोटे-मंझोले बड़े समूहों में उमड़े, घाट पर मेला सदृश्य नजारा रास्तों में जगह-जगह श्रद्धालु, भक्तों
रायपुर। राजधानी समेत समूचे प्रदेश में आज सावन मास के अंतिम सोमवार को अपने आराध्य भगवान शिव-माता पार्वती के दर्शनार्थ तमाम शिवालयों में श्रद्धालुओं के भारी भीड़ (सैलाब) उमड़ी। तो वही कांवर यात्रा कर जलार्पण करने वाले अपने क्षेत्रों से पवित्र जल लेकर बोल-बम के उद्घोषों के साथ महादेव घाट कूच करते रहे। घाट के आसपास परिक्षेत्र में मेले सदृश्य नजारा था।
सावन मास पर इस बार 8 सोमवार पड़े। अधिमास होने की वजह से सावन मास तकरीबन 2 माह चला। बावजूद भक्तों का उत्साह-उमंग, जोश कायम रहा। समूचे प्रदेश में इस दौरान शिव मंदिर में भक्तजन रोजाना जलार्पण हेतु उमड़ते रहे। वे लंबी-लंबी पैदल नंगे पैर यात्रा करते हुए शिवालय पहुंचते देखे गए। जिसमें महिला-पुरुषों समेत युवा एवं किशोरवय के भी श्रद्धालु शामिल रहे।
अपनी मनोकामनाएं लिए भक्तगणों नेआठों सोमवार को व्रत रखा। मान्यता है कि सावन मास में जो कोई भक्त सच्चे मन, आस्था से व्रत रखता है उसकी मनोकामनाएं भगवान शिव पूरी करते हैं। राजधानी में अलसुबह से भक्तजन जलार्पण करने एवं दर्शर्नाथ क्रमशः महादेव घाट स्थित हाटकेश्वर नाथ मंदिर, बूढ़ेश्वर मंदिर, सरोना प्राचीन शिव मंदिर, कालीबाड़ी शिव मंदिर, बंजारी धाम शिव मंदिर जाते देखे गए।
भक्त-कांवरियों के लिए मंदिर मार्गों पर पड़ने वाले चौक-चौराहों, तिराहों पर अन्य भक्तजन परिवारों, समितियों, धार्मिक संस्थाओं विभिन्न धर्मालंबियों ने भंडारा रखा था। हर मंदिर मार्ग पर आधा दर्जन से कई दर्जन भंडारा लगे हुए थे। हलवा-पूड़ी , छोले-चावल। खीर-पूड़ी के प्रसादी (भंडारा) लिए भक्त कतारबद्ध दिखे। इन मार्गों पर स्वागत द्वार भी लगाए-बनाए गए थे।
भक्तों का मंदिर जाने का सिलसिला देर शाम-रात तक जारी था। मंदिरों के पास दर्जन प्रकार के स्टाल लगे थे। बच्चों के लिए खिलौने, झूले, मिठाई, फल, फूल पूजा सामग्री, कपड़े, घरेलू उपयोगी चीजें आदि के भी अस्थाई स्टाल फुटकर व्यवसायियों ने लगा रखे थे। एक तरह से मेला सदृश्य स्थिति थी। उधर शासन- प्रशासन के लोगों की ड्यूटी समेत पुलिस-ट्रैफिक के जवान, निगम दस्ता भी जुटा था। घाट पर श्रद्धालु नौका विहार करते दिखे।