CG News: मंत्रालय में आज से अधिकारियों को लगाना होगा Biometric Attendance
छत्तीसगढ़ मंत्रालय महानदी भवन में सोमवार से सभी अधिकारियों के लिए आधार-आधारित बायोमेट्रिक एटेंडेंस सिस्टम अनिवार्य कर दिया गया है। सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से आदेश जारी किया है गया है। 1 जनवरी 2026 से यह व्यवस्था सभी संचालनालयों और विभागाध्यक्ष कार्यालयों में भी लागू होगी।
रायपुर: राज्य सरकार ने प्रशासनिक पारदर्शिता, समयपालन और कार्यकुशलता को मजबूत बनाने के उद्देश्य से मंत्रालय महानदी भवन के सभी विभागों में आधार-आधारित बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली (एईबीएएस) अनिवार्य कर दिया है। यह व्यवस्था सोमवार से ही लागू हो गई है।
सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) ने आदेश जारी किया है। आदेश में कहा गया है कि एईबीएएस के माध्यम से ही अवर सचिव और उनसे वरिष्ठ समस्त अधिकारियों का कार्यालय में उपस्थित होने और कार्यालय पश्चात वापस जाने के समय उपस्थिति दर्ज की जाए। मोबाइल में आधार बेस एप, प्रवेश द्वार के पास स्थापित बायोमेट्रिक डिवाइस या कंप्यूटर में थम्ब स्कैनर का उपयोग करते हुए उपस्थिति दर्ज किया जा सकता है।
बता दें कि मंत्रालय में एईबीएएस का अनिवार्य ट्रायल रन 20 नवंबर से शुरू हो गया था। 1 जनवरी 2026 से यह व्यवस्था सभी संचालनालयों और विभागाध्यक्ष कार्यालयों में भी लागू होगी। विगत दिनों मुख्य सचिव विकास शील ने बैठक लेकर अधिकारियाें को निर्देशित किया था कि समयपालन सर्वोच्च प्राथमिकता है और किसी भी प्रकार की लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा।
कर्मचारियों को रोजाना कार्यालय में प्रवेश और प्रस्थान के समय उपस्थिति दर्ज करनी होगी। कर्मचारी स्मार्टफोन पर आधार-आधारित फेसियल वेरिफिकेशन और प्रवेश द्वारों पर स्थापित आधार-सक्षम बायोमेट्रिक उपकरण के माध्यम से उपस्थिति दर्ज कर सकेंगे।
मूंग, उड़द, मूंगफली एवं सोयाबीन की खरीदी आज से
किसानों की आय में वृद्धि तथा दलहन-तिलहन उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम आशा योजना) अंतर्गत समर्थन मूल्य पर दलहन-तिलहन फसलों की खरीदी के लिए व्यापक तैयारी की गई है। सहकारी समितियों के माध्यम से होने वाली खरीदी से किसानों को सीधे लाभ मिलेगा। मूंग, उड़द, मूंगफली एवं सोयाबीन की खरीदी 1 दिसंबर से 28 फरवरी तक, अरहर और सरसों की खरीदी 15 फरवरी से 15 मई तक और चना व मसूर की खरीदी एक मार्च से 30 मई तक की जाएगी।
खरीदी कार्य के लिए नाफेड उपार्जन एजेंसी के रूप में कार्य करेगी। फसलों के उपार्जन के लिए शासन द्वारा प्रति एकड़ अधिकतम उपार्जन सीमा निर्धारित की गई है। खरीदी का लाभ लेने के इच्छुक किसानों को कृषि विभाग द्वारा संचालित एकीकृत किसान पोर्टल में अनिवार्य रूप से पंजीकरण करना होगा। नाफेड द्वारा प्रदर्शित इस पंजीयन डेटा के आधार पर उपार्जन एवं भुगतान की प्रक्रिया सुचारू रूप से संचालित की जाएगी।

