छत्तीसगढ़ में फैलता जा रहा आई फ्लू की बीमारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने लोगों को दी सलाह …
रायपुर: मानसून के साथ-साथ बीमारियों का भी खतरा बढ़ जाता है। खासकर आई फ्लू की शिकायत लोगों में अधिक होती है। इस बीमारी में आंखें लाल हो जाती है और आंखों में दर्द बढ़ जाता है। छत्तीसगढ़ में इन दिनों आई फ्लू के कई मरीज हर जिले में मिल रहे हैं। ये एक संक्रामक बीमारी है। जो कि एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में तुरंत ही फैलती है। बीते कुछ दिनों में आई फ्लू के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं।
क्या है आई फ्यू?
आई फ्यू यानी कंजंक्टिवाइटिस को “पिंक आई” के रूप में भी जाना जाता है। यह एक संक्रमण है, जो कंजंक्टिवा की सूजन का कारण बनता है। कंजंक्टिवा क्लियर लेयर होती है, जो आंख के सफेद भाग और पलकों की आंतरिक परत को कवर करती है। मानसून के दौरान, कम तापमान और हाई ह्यूमिडिटी के कारण, लोग बैक्टीरिया, वायरस और एलर्जी के संपर्क में आते हैं, जो एलर्जिक रिएक्शन्स और आई इंफेक्शन जैसे कंजंक्टिवाइटिस का कारण बनते हैं।
वर्तमान समय में आई फ्लू की यह बीमारी पूरे छ्त्तीसगढ़ राज्य सहित बालोद जिले और डौंडी ब्लॉक में तेजी से फैल रही है। हालांकि इस बीमारी से मरीजों पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ता है, लेकिन इसके फैलने की तेज रफ्तार से भय का माहौल है। इस संक्रमण से आंखों में खुजली, जलन, आंखों से पानी आना और आंखे सूज जाती हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी विजय ठाकुर ने बताया कि मौसम के बदलने और हवा में नमी के कारण ये रोग पनपता है। सामान्यता सात से पंद्रह दिन के भीतर संक्रमित व्यक्ति पूर्ण रूप से स्वस्थ हो जाता है। इस रोग से घबराने की आवश्यकता नहीं है। सिर्फ सावधानी और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर इस संक्रमण को बढ़ने से रोका जा सकता है।
आई फ्लू से ऐसे करें बचाव –
ज्यादा भीड़ भाड़ वाली जगह पर जाने से बचें, आंखों पर बर्फ की सिकाई करें इससे आपको जलन और दर्द से राहत मिलेगी, बार बार ठंडे पानी से आंख धोएं, डॉक्टर की सलाह से किसी एंटीबायोटिक ड्रॉप का इस्तेमाल करें, संक्रमित व्यक्ति से दूरी बरतें, संक्रमित व्यक्ति के इस्तेमाल की चीजें इस्तेमाल ना करें।