एक राष्ट्र, एक चुनाव समिति की हुई पहली बैठक, चुनाव पर आने वाली समस्याओं की हुई गहन चर्चा

नई दिल्ली। देश में निर्धारित चुनाव प्रणाली को बदल कर एक राष्ट्र, एक चुनाव की तैयारी के लिए पूर्व में ही समिति का गठन किया गया है। समिति का उद्देश्य देश के चुनाव प्रणाली में संशोधन कर एक साथ राष्ट्रीय, राज्य और पंचायत चुनाव करना है। इस चुनाव में होने वाली समस्याओं का पता लगाने के लिए ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ समिति की पहली बैठक हुई। समिति के अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविद की अध्यक्षता में हुई बैठक में एक साथ चुनाव में आने वाली अड़चनों की जांच की गई।
चुनाव समिति के सदस्य
समिति अध्यक्ष रामनाथ कोविंद के अलावा बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पूर्व नेता विपक्ष राज्यसभा गुलाम नबी आज़ाद, 15वें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एनके सिंह, पूर्व लोकसभा महासचिव सुभाष कश्यप, वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे, पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी ने हिस्सा लिया।
सूत्रों के मुताबिक, इस उच्च स्तरीय समिति की बैठक में आगे होने वाली बैठकों के एजेंडे को तय करने के साथ ही इस बात पर जांच की कि एक साथ चुनाव के रास्ते में क्या अड़चने हैं, और उन्हें कैसे सिलसिलेवार तरीक़े से समाप्त किया जाए। समिति एक साथ चुनाव कराने के लिए तमाम राजनीतिक दलों, विभिन्न राज्यों, चुनाव प्रक्रिया से जुड़े हुए चुनाव आयोग से सुझाव लेकर ज़रूरी उपायों की सिफ़ारिश सरकार से करेगी।
अधिसूचना में है ये बातें
‘एक देश, एक चुनाव’ के लिए बनी इस उच्चस्तरीय समिति के बारे में अधिसूचना जारी की गई है कि भारत के संविधान और क़ानून उपबंधों के अधीन विद्यमान् ढांचे को ध्यान में रखते हुए लोक सभा, राज्य की विधानसभाओं, नगर पालिकाओं और पंचायतों के एक साथ चुनाव कराने की जांच करना और सिफ़ारिश करना और उसके लिए संविधान लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के अधीन बनाए गए नियमों या फिर किसी दूसरे विधि-विधानों और नियमों में संशोधन करने की सिफ़ारिश करना है।